सोनिया ने की सुलह की कोशिश-कांग्रेस नेतृत्‍व से मिल सकते हैं नीतीश

सोनिया ने लालू और नीतीश से की फोन पर बात
नयी दिल्ली. महागठबंधन में जारी तनातनी के बीच कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने सुलह की कोशिशों के तहत नीतीश कुमार और लालू प्रसाद से बातचीत की है. सूत्रों के मुताबिक उन्‍होंने दोनों नेताओं से कम से कम संसद के आगामी सत्र में साथ रहने की अपील की है. इसके साथ ही उपराष्‍ट्रपति चुनाव में साथ रहने की अपील भी की है. इन सबके बीच सूत्रों के मुताबिक बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अगले सप्‍ताह कांग्रेस नेतृत्‍व से मुलाकात कर सकते हैं. बिहार के सत्‍तारूढ़ महागठबंधन में जदयू-राजद के अलावा कांग्रेस एक अहम घटक दल है. दरअसल अगले सप्‍ताह नीतीश कुमार दिल्‍ली आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक यदि कांग्रेस नेतृत्‍व उनको आमंत्रित करता है तो वह उनसे निश्‍चित रूप से मुलाकात करेंगे. जदयू सूत्रों के मुताबिक बिहार के हालात पर कांग्रेस नेतृत्‍व की सलाह के लिए उनकी पार्टी तैयार है. इसके साथ ही 23 जुलाई को दिल्‍ली में जेडीयू राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है. उल्‍लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्‍टाचार के मामलों में सीबीआई केस दर्ज होने के बाद तेजस्‍वी यादव को खुद को पाक साफ साबित करने के लिए अल्‍टीमेटम दिया है. नीतीश ने साफ कर दिया है कि वे सहयोगी लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से क्या चाहते हैं. तेजस्वी यादव बिहार सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं.
जदयू के अल्‍टीमेटम के बाद राजद नेता और उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव ने कहा है कि मुझ पर एफआईआर राजनीतिक साजिश है. ये महागठबंधन को तोड़ने की कोशिश है. मुझे पिछड़ा होने की सजा दी जा रही है. लालू यादव के परिवार पर छापेमारी के बाद पहली राज्‍य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हिस्‍सा लेने पहुंचे तेजस्‍वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये 28 साल के नौजवान से डरते हैं और सवालिया लहजे में पूछा कि जिन आरोपों की बात विपक्ष कह रहा है तब उनकी उम्र 13-14 साल की थी. ऐसे में क्‍या 13-14 साल की उम्र में घोटाला करेंगे. उन्‍होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर नहीं झुकेगी और जरूरत पड़ने पर जनता के बीच जाएंगे.
इसके बाद बेटे के इस्तीफ़े की मांग पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए लालू ने नाम लिए बगैर नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े की मांग कर रही बीजेपी और उसकी तरह की मानसिकता वाले लोगों पर हम कोई अहसान नहीं करेंगे. मतलब साफ है कि आरजेडी किसी कीमत पर तेजस्वी का इस्तीफा नहीं चाहती.






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