आदिवासियों के विकास के मुद्दे पर गुजरात में जदयू के विधायक ने किया राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार
गांधीनगर. राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा नीत राजग के उम्मीदवार तथा बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के लिए सत्ता में अपने सहयोगी दलों से रार मोल लेने वाले मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष तथा इसके इकलौते विधायक छोटूभाई वसावा ने ही आज बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं किया। आदिवासी समुदाय से आने वाले श्री वसावा भरूच जिले के झगडिया सुरक्षित सीट के विधायक हैं। वह आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजधानी गांधीनगर स्थित विधानसभा परिसर में बने मतदान केंद्र पर आये तक नहीं। अपने विधानसभा क्षेत्र झगडिया में ही रहे। बाद में उन्होंने अपने निर्णय के लिए एक अजीबोगरीब तर्क दिया। श्री वसावा ने कहा कि वह आदिवासी नेता हैं और गुजरात में संविधान की अनुसूची पांच और छह, जो आदिवासी बहुल क्षेत्रों के बेहतर प्रशासन का प्रावधान करती हैं, सही ढंग से लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि चूकि इस प्रावधान के तहत इस कानून के अमलीकरण का दारोमदार राष्ट्रपति पर होता है और उन्होंने लंबे समय से इस संबंध में गुहार लगायी और कोई परिणाम नहीं आया इसलिए उन्होंने आज के चुनाव के बहिष्कार का फैसला किया है।
उधर गुजरात परिवर्तन पार्टी की टिकट पर अमरेली के धारी से चुनाव जीतने के बाद पार्टी के विलय के चलते भाजपा में शामिल होने वाले पाटीदार विधायक नलिन कोटडिया ने आज विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को वोट दिया। तकनीकी तौर पर उन्होंने ‘क्रॉस वोटिंग’ की है पर लंबे समय से पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समर्थन के चलते बगावती रूख अख्तियार कर चुके श्री कोटडिया का ऐसा करना लगभग तय माना जा रहा था।
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