गोपालगंज में भूमिहार सम्मेलन कही राजनीति का आखाड़ा न बन जाए?

विजय तिवारी
आगामी 8 अगस्त को भुमिहार सम्मेलन का आयोजन किया गया है ! जिसकी सफलता के लिए जोर-शोर से तैयारी भी चल रही है ! इस सम्मेलन को लेकर युवाओं में विशेष उत्साह है ! समाज के कई अग्रणी नेता भी इस सम्मेलन की सफलता के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं ! लेकीन बिरादरी के कई अग्रणी इस सम्मेलन को लेकर इस दुविधा में फंस गए हैं कि सम्मेलन गैर राजनीतिक रह पाएगा या नहीं ! दुविधा में फंसे नेताओं में भाजपा से जुड़े लोगों की बहुतायत है ! हालाकि उनकी मंशा व भरपूर प्रयास भी सम्मेलन को सफल बनाने की ही है ! लेकीन वे चिन्तित इसलिए दिखते हैं कि यह सम्मेलन कहीं राजद-जदयू का सम्मेलन बनकर न रह जाए ! उनकी चिन्ता का कारण यह है कि सम्मेलन कराने की आधारशिला भाजपा विरोध पर ही रखी गई थी ! हम उस घटना का उल्लेख करना आवश्यक समझते हैं !
गोपालगंज नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव दलगत आधार पर तो नहीं हुआ ! लेकीन चेहरों को देखकर ही दृश्य साफ था कि हरेन्द्र चौधरी राजद तथा देवेन्द्र सिंह भाजपा समर्थित हैं ! जिला राजद के नेताओं ने तो हरेन्द्र की जीत पक्की करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा ! नतीजा हरेन्द्र की जीत हुई ! लेकीन भाजपा के नेता अंत-अंत तक असमंजस व उहापोह में फंसे रह गए या किसी अन्य कारण से देवेन्द्र सिंह के पक्ष में लगना मुनासीब नहीं समझा ! परिणाम यह हुआ कि सिंह की बड़ी हार हुई ! इस हार को जिला भाजपा ने भले ही हल्के मन से लिया हो ! पर भुमिहार समाज, खासकर भुमिहार युवा वर्ग ने इस हार को दिल पर ले लिया ! उनका गुस्सा एक तरफ भाजपा नेताओं के उदासीन रवैये को लेकर था ! तो वहीं वे इस बात को लेकर एक अन्य जाति के प्रति भी गुस्से में थे ! उनका आरोप था कि भुमिहार समाज न सिर्फ भाजपा बल्कि उस जाति के प्रत्याशियों का विधानसभा चुनाव में दिल खोलकर समर्थन देता है ! लेकीन नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में उस जाति के पार्षदों का मत सिंह को नहीं मिला ! इसके लिए वे उस जाति के नेताओं के खिलाफ गुस्से में थे, क्योंकि उस बिरादरी के नेताओं (भाजपा) ने अपने बिरादरी के पार्षदों का मत देवेन्द्र सिंह को दिलवाने के लिए कोई सार्थक पहल ही नहीं किया ! परिणाम यह हुआ कि भुमिहार समाज, खासकर युवाओं के गुस्से से भुमिहार सम्मेलन की पटकथा लिखी जाने लगी और तैयारियां भी शुरू हो गई !
अब इधर भाजपा में भुमिहार नेताओं के समक्ष संकट खड़ा हो गया कि वे क्या करें ! एक तरफ समाज तो दूसरी ओर दल ! सम्मेलन की तैयारी अब अंतिम चरण में है ! उन्हें भय सता रहा कि समाज के साथ गए तो दल का अहित ! क्योंकि सम्मेलन की पृष्ठ भुमि घोषित नहीं, पर भाजपा विरोध पर ही आधारित ! दल के साथ गए तो समाज के नाराज होने का भय ! सम्मेलन की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रहा, वैसे-वैसे आयोजन राजद के गिरफ्त में जाता हुआ ! इधर भाजपा के भुमिहार नेताओं की बेचैनी बढ़ती हुई ! समाज में इन नेताओं के अपने अस्तित्व का संकट ! सूत्रों पर विश्वास करें तो इसी धर्म संकट से पार पाने के लिए कल एक बैठक भी हुई ! जिसमें भाजपा के वे सब भी एक साथ बैठे, जो एक दूसरे को देखना तक पसंद नहीं करते ! मामला अस्तित्व का हो, तो बेमन के ही सही, साथ बैठना पड़ता ही है ! पर इसके बावजूद मामला किसी नतीजा तक नहीं पहूंच सका ! सम्मेलन को हर हाल में गैर राजनीतिक बनाने की चुनौती ! समाज के भलाई के लिए उत्साहित युवाओं को गैर राजनीतिक पटरी पर बनाए रखने की चुनौती ! पर यह सम्मेलन कितना गैर राजनीतिक रह पाएगा ! यह तो काल के गर्भ में ही छिपा है ! वैसे मेरी भी ढेर सी शुभकामनाएं है कि सम्मेलन समाज के हित में सफल हो ! सम्मेलन के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरितियों, युवाओं को रोजगार के अवसर, शिक्षा व स्वास्थ्य के बारे में व्यापक चर्चा हो ! समाज के पिछड़े लोगों के उत्थान की सामयिक योजना बने ! सम्मेलन किसी भी हाल में राजनीति का अखाड़ा न बने ! जय भुमिहार ! जय हिन्दुस्तान !
136 आप, Binod Kumar, Deepak Dwivedi और 133 अन्य लोग
टिप्पणियाँ
Pradeep Singh
Pradeep Singh
चित्र में ये शामिल हो सकता है: एक या अधिक लोग और लोग बैठ रहे हैं
पसंद करें
· जवाब दें ·
3
· 7 घंटे
Keshaw Pandey
Keshaw Pandey कोई ऐसी राजनीतिक पार्टी नहीं हैं जिसमे सभी जातिया/सम्प्रदाय न हो | एन डी ए में भी और महागठबंधन में भी सब लोग मिलेंगे…. | रसूकसंपन लोग सत्ता का सुख भोगने के लिए अपने-अपने स्वार्थ के अनुसार पार्टिओं का चयन कर लेते हैं | जो कुछ भी घटित हुआ हैं स्वार्थपरता का परिणाम हैं | सब कुछ समय पर छोड़ दीजिये क्योंकि कुछ भी शाश्वत नहीं हैं | सब समय के गर्भ में हैं और समय, समय पर सब कुछ ठीक कर देगा |
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 6 घंटे
Pankaj Singh Rana
Pankaj Singh Rana बेवाक विश्लेषण
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 6 घंटे
Mukeshkumar Pandey
Mukeshkumar Pandey Bahut khub
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Gappu Shahi
Gappu Shahi गोपालगंज मे इसके पहले हर जाति का सम्मेलन हो चुका है ।वह राजपुत हो वाराम्हण हो या दलित ‘कुशवाह ‘ निषाद ‘ लोहार ‘ आदी कोई जाति हो किसी भी जाति के सम्मेलन पर इतना बेचैनी नही देखने को मिला जीतना आज भुमिहार सम्मेलन को लेकर है।खैर सम्मेलन ऐतिहासीक होगा …और देखें
पसंद करें
· जवाब दें ·
9
· 6 घंटे
Satyam Singh
Satyam Singh I agree with you sir
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Sanjay Kumar
कोई जवाब लिखें…
Rakesh Singh
Rakesh Singh nice lines per jati ki rajniti karna bilkul galat hai chahe koi v kare is tarah to log aur bikhar jayenge
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे · संपादित
Binod Kumar
Binod Kumar धन्यवाद सर, बेबाक बेख़ौफ़
पसंद करें
· जवाब दें ·
5
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra एक समाज के सम्मलेन से बाकी समाज भी मजबूत होते है ।और ज्यादा वो होता है जिसकी संख्या ज्यादा होती है
क्यों भैया
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Gappu Shahi
Gappu Shahi महाभारत के लडाई मे पांडव से ज्यदा संख्या कौरव के पास थी ।
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra ठीक है फिर कुचाय कोट जीतिए
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra और हँसी मजाक के बातो को दिल पे मत लीजिये
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra पांडव वाला उदाहरण सही है
लेकिन अगला पांडव
वास्तव में हो
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Gappu Shahi
Gappu Shahi समय के साथ समीकरण बदलेगा चीन्ता मत करीऐ मिश्रा जी।
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 5 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra बिलकुल जब लोग पांडव बन जायेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं है
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Sanjay Kumar
कोई जवाब लिखें…

Anup Kumar Naveen
Anup Kumar Naveen संज्ञान लेने के लिय धन्यवाद ll
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 6 घंटे
Anuj Singh
Anuj Singh सर नमस्कार।
मैं आपको और पूरे समाज को आश्वस्त कर देना चाहता हूँ इस सम्मलेन का उद्देश्य किसी भी पार्टी का विरोध या समर्थन करना नही है,
इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल अपने समाज में आयी कुरीतियां, समाज में उत्पन्न आपसी मतभेद को ख़त्म करने है।
और किस आधार पर आपने यह कह दिया की इस सम्मेलन की आधारशिला भाजपा विरोध पर की गयी थी,यह कही से सही नही है पूरा का पूरा गलत है।
धन्यवाद
पसंद करें
· जवाब दें ·
9
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra बिल्कुल अपने समाज के साथ साथ बाकि समाज की कुरीतियो को भी ख़त्म किया जाए
हम सब का समर्थन हमेशा आप के साथ है
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 5 घंटे
Sanjay Kumar
कोई जवाब लिखें…

Anil Kumar
Anil Kumar लेख 100/ प्रतिशत सच पर मुझे आशा एव् विस्वाश है की भूमिहार समाज भी आपके उमीदों पर खरा उतरेगा।।।
पसंद करें
· जवाब दें ·
2
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra बेबाक बेख़ौफ़
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Nitesh Singh
Nitesh Singh सत्य और सटिक आकलन…. दलिय द्वेष बनाम जातिय एकता का पेंच सुलझे और कार्यक्रम सफल हो…ऐसी कामना…!!
पसंद करें
· जवाब दें ·
2
· 6 घंटे
Himanshu Rai
Himanshu Rai विजय जी आप गोपालगंज के एक सम्मानित पत्रकार है लेकिन आज आपका ये लेख आज बहुत तकलीफ दिया।
आप हमारे सम्मलेन को दूसरा रूप देना चाहते है।आपके जैसे पत्रकार से ऐसी उमीद तो कतई नही था।बार बार ये बात हमारे कमिटी के जिम्मेवार सदस्य खुद मैंने भी लिखा था।की ये सम्म…और देखें
पसंद करें
· जवाब दें ·
9
· 2 घंटे · संपादित
प्रो सुरेद्र कुमार चौधरी
प्रो सुरेद्र कुमार चौधरी बहुसंख्यक समाज नहीं चाहता है कि कोई अल्पसंख्यक समाज का पंख निकल सके।इसके लिए दुश्मन को ही मदद करना क्यों न पड़े।
एक कहावत भी है – तोको ना मोको चूल्हा में झोको।
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Pritam Singhaniya Rajput
Pritam Singhaniya Rajput आऱे हिन्दु सम्मेलन करो ना जी ये सब क्यु कर रहे हो हिन्दु को बाटने का काम
पसंद करें
· जवाब दें ·
3
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra काश ऐसा होता
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Pritam Singhaniya Rajput
Pritam Singhaniya Rajput हमारे हिन्दु भाई लोग ऎसा नही चाहते हैं की हमलोग हिन्दु बन के रहे
पसंद करें
· जवाब दें · 6 घंटे
Gappu Shahi
Gappu Shahi पहले हर जाति का हुआ है। उसके बहुत दीन बाद भमिहार सम्मेलन हो रहा है ।
पसंद करें
· जवाब दें ·
3
· 6 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra भगवान् सम्मलेन को सफल बनायें
दिल से पूरा समर्थन
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 5 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra ब्रम्हेश्वर मुखिया जैसे एक और नेतृत्वकर्ता की जरुरत है
ताकि सवर्ण समाज सेफ रहे
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 5 घंटे
Pritam Singhaniya Rajput
Pritam Singhaniya Rajput Gappu Shahi g कोई जरूरी तो नही है की सब लोग जो करेंगे वही आप भी करेंगे आप कुछ अच्छा करें
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Gappu Shahi
Gappu Shahi आप लोग पहले शुरु आत किऐ है उसी से हम भी सीख रहे है
पसंद करें
· जवाब दें ·
2
· 5 घंटे
Pritam Singhaniya Rajput
Pritam Singhaniya Rajput Hahahahaha
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Siddharth Mishra
Siddharth Mishra ???
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
पं.सुधांशु शेखर पाण्डेय
पं.सुधांशु शेखर पाण्डेय दलित/महादलित की अवधारणा समाप्त हो जाय तो हिन्दुत्व सशक्त होगा। भूमिहार सम्मेलन बहुतों की छाती में “तीर” की तरह चुभ रहा है!
पसंद करें
· जवाब दें · 2 घंटे
Sanjay Kumar
कोई जवाब लिखें…

Hari Naryan Singh
Hari Naryan Singh बिजय जी आपको ऒर तथाकथित नेताओं को ससंकित होनने की आवश्यकता नही हैं यह सम्मेलन पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक हैं हां एक बात जरुर हैं क्या शिर्फ हम उपयोग के लिए बने हुए हैं। जबकही हमे आवश्यकता पड़ती हैं तो हम अछूत क्यो हो जाते हैं अनय लोग हमारे साथ क्यों नहीं देते जहाँ तक भा ज पा के बिरोध सम्बंधित आपने चिन्ता प्रकट किया है। तो मै स्पष्ट कर दूं जब भी आवश्यकता पडी दुशरो ने अगर अपना पशिना दिया है तो मैने अपना खुन दिया है।
पसंद करें
· जवाब दें ·
5
· 6 घंटे
Sudha Pandey
Sudha Pandey हम लोग कबतक यह भुमिहार ,ब़ामण राजपूत, कायस्थ रहेगें….एक होकर मिटने से बचना कब से
सिखेगें……
पसंद करें
· जवाब दें · 5 घंटे
Riteish Singh Prashun
Riteish Singh Prashun निष्पक्ष और बेबाक। सम्मेलन करना कोई बुरी बात नही हो । और जहां तक इस सम्मेलन की बात हैं ये समाज की कुरीतियो, दहेज ,अपने समाज का उत्थान किस तरह हो, सामाजिक आर्थिक, और राजनैतिक रूप से किस तरह विकास हो उसपर आधारित हैं जैसा कि सुना जा रहा हैं तो कोई बुराई नही हैं।
पसंद करें
· जवाब दें ·
4
· 4 घंटे
Akhileshwar Tiwari
Akhileshwar Tiwari He sab thik nahi hain ki braman alag se sabha ka aayojan kare ; bhumihar alag se kare rajput alag se kare aur lalaji log alag se kare . Es se fwd ka patan hi hoga kalyan nahi hoga . Sabhi fwd ko ek sath aana chahiye n ki alag alag
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 4 घंटे
मिन्टु उपाध्याय
मिन्टु उपाध्याय जय हो नारद बाबा
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 3 घंटे
Durga Rai
Durga Rai विजय जी आप एक बरिष्ठ पत्रकार रहे है,बैठक के बाद जो प्रेस बिज्ञप्ति जारी हुआ आपको उसका अध्ययन करना चाहिए आपके समस्या का समाधान हो जाएगा।
पसंद करें
· जवाब दें ·
3
· 3 घंटे
Akhila Nand Mishra
Akhila Nand Mishra दुर्गा राय जी प्रेस विज्ञप्ति हम लोगों को भी दीजिए ताकी आपके सम्मलेन का एजेंटा पता चल सकें।
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 2 घंटे
Dhannjay Kumar Pandey
Dhannjay Kumar Pandey चाचा जी,तनी हमरो के जानकारी दी सही से
वैसे हमु घरे आवत बानी २१जुलाई के
पसंद करें
· जवाब दें · 2 घंटे
Sanjay Kumar
कोई जवाब लिखें…
Dhannjay Kumar Pandey
Dhannjay Kumar Pandey देखते है क्या हो रहा है मुझे लगता है ये सिर्फ सम्मेलन होकर हि न रह जाए
पसंद करें
· जवाब दें · 2 घंटे
पं.सुधांशु शेखर पाण्डेय
पं.सुधांशु शेखर पाण्डेय शुभकामना है!सम्मेलन सफ़ल होना चाहिये।लोग किसी भी दल में हों दलीय भावना का असर न पड़े!
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 2 घंटे
Vivek Rai
Vivek Rai मैं आपको और पूरे समाज को आश्वस्त कर देना चाहता हूँ इस सम्मलेन का उद्देश्य किसी भी पार्टी का विरोध या समर्थन करना नही है,
इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल अपने समाज में आयी कुरीतियां, समाज में उत्पन्न आपसी मतभेद को ख़त्म करने है।
और किस आधार पर आपने यह कह दिया की इस सम्मेलन की आधारशिला भाजपा विरोध पर की गयी थी,यह कही से सही नही है पूरा का पूरा गलत है।…और देखें
पसंद करें
· जवाब दें ·
3
· 2 घंटे
Sonu Rai Bjp
Sonu Rai Bjp बिजय जी ये अफवाह कहा से ला दिए आप जैसे लोग ही जो किसी के दिल मे नही होगा उसको सच साबित करने के लिए बार बार झूठ अफवाह फैलाएंगे
पसंद करें
· जवाब दें ·
1
· 1 घंटा
Shailesh Kumar Singh
Shailesh Kumar Singh भाइयो बिजय जी के लेख में कोई नई बात नही है। अपने लेख में इन्होंने नगर परिषद के चुनाव में जातिगत विश्लेषण कर देवेंद्र बाबू के हार की चर्चा की है इशारा भी बी जे पी के नेताओ के तरफ किया है परंतु जिले के उन ब्राह्मण नेताओ के भूमिका के बारे में कुछ नही लि…और देखें
पसंद करें
· जवाब दें · 1 घंटा
Rabishankar Routh
Rabishankar Routh न जाने देश में कब हिन्दू सम्मलेन होगा कभी कोई राजपूत सम्मलेन करता है तो कोई यादव कोई पासवान तो कोई चमार दुसाद फिर कोई मुग़ल जैसा आये गा और और परिणाम इतिहासके पन्नों में है कभी पढ़ लीजिये गा ।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
· जवाब दें ·
2
· 1 घंटा
Er Shashi Ranjan Kaushik
Er Shashi Ranjan Kaushik इस सभा को राजनीति से जोड़ना मूर्खता है क्यों कि हम पहले भूमिहार है फिर किसी भी पार्टी के नेता या कार्यकर्ता । हमारे समाज को अपने ही सहारे की जरूरत है
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
· जवाब दें ·
1
· 1 घंटा
Anand Prakash
Anand Prakash Sanjeev Kumar Rai lol ye dekh le

(यह रिपोर्ट आलेख गोपालगंज के पत्रकार विजय तिवारी के फेसबुक पेज से साभार लिया गया है आलेख के साथ फेसबुक पर आई टिप्पणियां ज्यो का त्यो है)






Related News

  • क्या बिना शारीरिक दण्ड के शिक्षा संभव नहीं भारत में!
  • कोसी में रहना है तो देह चलाना सीखो !
  • पटना फ्लाईओवर के मामले में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की तरफ
  • प्रेम का नया वर्जन
  • ऑपरेशन थियेटर में बापू के दुर्लभ चित्र
  • पुरुष के मन की वासना को मार देता है भारतीय नारी का सौंदर्य
  • रोकड़ नहीं.. यूपीआई सही..
  • भाजपा में क्यों नहीं है इकोसिस्टम!
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com