भारत में घुसी पाकिस्तानी महिला आत्मघाती हमलावर, बिहार समेत कई राज्यों में अलर्ट
नई दिल्ली. ए. खुफिया एजेंसियों को खबर मिली है कि महिला आत्मघाती हमलावरों का एक दस्ता सीमा पार करके भारत में घुस आया है. ये महिला हमलावर एक असाधारण अटैक करने की फिराक में हैं. वे अकेले ही किसी वारदात को अंजाम (लोन वुल्फ अटैक) दे सकती हैं या आत्मघाती हमले कर सकती हैं. ये महिला आत्मघाती हमलावर आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद से ताल्लुक रखती हैं. इन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने न केवल खुद चुना है, बल्कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कैंपों में ट्रेनिंग दी है. इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक, इन हमलावरों की तादाद कम से कम 7 से 8 है और इनमें से कई बीते एक या दो महीने में भारतीय सीमा में दाखिल हो चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद इस ऑपरेशन का कमांडर है. ये महिला हमलावर ऑयल रिफाइनरी, न्यूक्लियर रिऐक्टर्स, मेट्रो ट्रेन, आयुध भंडारों, सैन्य और अर्धसैनिक बलों के ठिकानों, धार्मिक स्थलों और दूतावासों को निशाना बना सकती हैं.
कई राज्यों को किया गया है अलर्ट
इस खतरे के बारे में दिल्ली, मुंबई, पंजाब, बिहार और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों की ऐंटी टेरर यूनिट को मौखिक तौर पर जानकारी दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, ये महिला हमलावर पश्चिमी लिबास में भी हो सकती हैं. इन्हें अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने की ट्रेनिंग मिली हुई है ताकि ये महत्वपूर्ण इमारतों में दाखिल हो सकें. महिलाओं को नई पहचान दी गई है और भारत में बैठे आईएसआई के स्लीपर सेल्स के संपर्क यहां उनकी मदद के लिए तैयार बैठे हैं. इंटरसेप्ट की गई बातचीत में रजिया, संगीता और रूबी जैसे नाम सामने आए हैं. इनमें मोहम्मद भाई, इस्माइल, असगर और जुनैद जैसे नाम भी शामिल हैं. माना जा रहा है कि ये पुरुष या तो इन हमलावरों के साथ यहां आ चुके हैं या यहां भारत में उनकी मदद करेंगे.
जासूसी रैकेट का भंडाफोड
नई साजिश का उस वक्त पता चला, जब दिल्ली पुलिस ने एक जासूसी रैकिट का भंडाफोड़ किया. पता चला कि एक एयरफोर्स कर्मी को 2012 में दामिनी मैकनॉट नाम की महिला ने हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की थी. इस महिला की सोशल मीडिया प्रोफाइल के मुताबिक, वह ब्रिटेन की रहने वाली है. हालांकि, बाद में जांच में पता चला कि इस प्रोफाइल को आईएसआई के पेशावर स्थित बेस और जमात के कराची स्थित बेस के नजदीक से ऑपरेट किया जा रहा था.
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