नौकरी देने के बदले ललन ने लालू परिवार को दान में दी करोड़ों की जमीन : सुशील

पटना. बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के ‘काम के बदले जमीन’ मामले में नया खुलासा करते हुये आज कहा कि श्री यादव की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन दान में देने वाले ललन चौधरी को विधान परिषद में कर्मचारी के पद पर नियुक्त किया गया था। श्री मोदी ने यहां कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी और उनकी पुत्री हेमा यादव को करोड़ों रुपये की जमीन दान देने वाले जिस ललन चैधरी को राजद अध्यक्ष श्री यादव मीडिया के सामने हाजिर नहीं कर सके वह केवल गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाला कार्डधारी और खाली समय में उनके खटाल में काम करने वाला ही नहीं था बल्कि विधान परिषद का कर्मी भी है, जिसे श्रीमती राबड़ी देवी के कार्यकाल वर्ष 2005 में सभापति जाबिर हुसैन ने एलडीसी के पद पर नियुक्त किया था। भाजपा नेता ने कहा कि इसी प्रकार हेमा यादव को 70 लाख रुपये की जमीन दान करने वाले हृदयानंद चैधरी की नियुक्ति भी श्री यादव के रेलमंत्री के कार्यकाल में पूर्व मध्य रेलवे के ग्रुप डी के पद पर 20 जून 2005 को हुई थी जिसके नियुक्ति से संबंधित कागजात का खुलासा भाजपा ने किया है। उन्होंने कहा कि मामला उजागर होने के बाद से खलासी हृदयानंद चैधरी अपने कार्यस्थल से फरार है।  श्री मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि राजद अध्यक्ष श्री यादव बतायें कि क्या यह सही नहीं है कि ललन और हृदयानंद के नाम पर नौकरी देने के एवज में बेनामी सम्पति लिखवाई गई और फिर उसे बतौर गिफ्ट वापस ले लिया गया। क्या ललन और हृदयानंद श्री यादव के कालेधन और बेनामी सम्पति को सफेद करने का जरिया मात्र बने। उन्होंने कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने ललन और हृदयानंद को क्या आर्थिक मदद की थी। ललन और हृदयानंद ने अपने परिजनों, बच्चों को दान न देकर राजद अध्यक्ष के परिजनों को जमीन दान में क्यों दी। भाजपा नेता ने कहा कि श्री यादव के पुत्र और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बतायें कि ललन और हृदयानंद चैधरी के पैन नम्बर क्या हैं। श्रीमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने दान में मिली करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन का उल्लेख आयकर विवरणी में क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि आयकर अधिनियम के अनुसार दान में मिली सम्पति प्राप्तकर्ता की आय होती है तो क्या श्रमती राबड़ी देवी और हेमा यादव ने इस सम्पति के अनुरूप कर का भुगतान किया है।          उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने कल यहां जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि श्री यादव के परिवार को जमीन दान देने वालों का सिलसिला अंतहीन नजर आ रहा है। उन्होंने कहा था कि श्री यादव की पुत्री हेमा यादव को गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ललन चौधरी ने ही केवल 62 लाख रुपये की 7.75 डिसमिल जमीन दान में नहीं दी बल्कि उसी दिन रेलवे के कोचिंग कॉम्पलेक्स स्टोर राजेन्द्रनगर पटना में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी इतनी ही जमीन दान में दी।






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