उम्र के झोल में झूली गोपालगंज भजयुमो अध्यक्ष की नियुक्क्ति!

चित्र में ये शामिल हो सकता है: 6 लोगकार्यालय संवाददाता
बिहार कथा.गोपालगंज.  गोपालगंज भाजपा युवा मोर्चा (भजयुमो) की नियुक्ति में उम्र सीमा तय होने से इसकी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो गई है. जिला भाजपा ईकाई की ओर से भजयुमो जिला अध्यक्ष के लिए चंद्रमोहन पांडेय, उपेंद्र सिंह, मनोज दुबे के नाम प्रदेश ईकाई को भेजा गया था. पार्टी सूत्रों के अनुसार इसमें करीब-करीब उपेंद्र सिंह का चयन तय था, लेकिन नामों की घोषणा होने से पहले प्रदेश ईकाई ने नया फरमान जारी कर दिया कि जिला भजयुमो का अध्यक्ष 30 साल की आयु से कम होना चाहिए. लिहाजा, प्रस्तावित तीनों नामों के अंतिम मुहर पर ग्रहण लग गया है. अब तीस साल से कम उम्र के नए नाम पर विचार किया जा रहा है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों का यह भी कहना है कि जिस तरह भाजपा बिहार में दलित और पिछड़ों को आकर्षित करने के ि लए पाटी संगठन में बदलवा कर रही है, उसको देखते हुए गोपालगं में भजयुमो के जिला अध्यक्ष के लिए एक पिछड़ी जाति के बेहरीन नेतृत्व कौशल वाले युवा की तलाश है, लेकिन इसकी तलाश पूरी नहीं हो पा रही है. जो हैं, वे किसी ने किसी कारण इस पद के लिए मापदंड पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इसी कारण पिछले प्रस्तावित तीन नामों मे कोई पिछड़ा वर्ग के युवा का नाम नहीं जोड़ा गया था. पिछली बार निर्वतमान अध्यक्ष लखन तिवारी के बाद नए जिला भाजपा अध्यक्ष फिर से किसी ब्राह्मण को भाजपा युवा मोर्चा की कमान नहीं सौंपने के मूड में हैं. स्वयं भूमिहार समाज से होने के कारण इस समाज के किसी युवा को भी जिम्मेदारी मिलने की गुंजाइश कम है.इधर पिछड़ी जाति में नेतृत्व कौशल वाले युवा का टोटा है. फिलहाल गोपालगंज के भाजपा युवा कार्यकर्ताओं में भजयुमो के जिला ईकाई को लेकर उत्सुकता है. 30 साल की उम्र बैरियर तय होेने से गोपालगंज भाजपा में कई युवा कार्यकर्ता  इस जिम्मेदारी को लेकर सपने बुनने लगे हैं. जिले के भजयुमो के निर्वतमान जिला अध्यक्ष लखन तिवारी कहते हैं कि जो महासचिव होता है, अगले जिलाध्यक्ष के लिए उसकी मजबूत दावेदारी स्वत: बनती है. संयोग से गौतम गोविंद और सतेंद्र कुमार शर्मा भजयुमो के महासचिव रहे हैं और ये पिछड़ी जाति से संबंध रखते हैं. गौतम गोविंद की उम्र तीस के पार हो चुकी है, लिहाजा, वह पहले ही छंट जाते हैं. निर्वतमान भजयुमो के जिला महासचिव सतेंद्र कुमार शर्मा इन दिनों हथुआ पंचायत के प्रमुख के प्रतिनिधि है. लेकिन इन्हें भजयुमो की जिम्मेदारी शायद ही मिले, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बागी होकर एनडीए के प्रत्याशी के खिलाफ मैदान में उतरे राजेश कुशवाहा के साथ उनके पक्ष में खुल कर प्रचार किया था.इस संबंध में जब सतेंद्र शर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें पार्टी से निकाला नहीं गया है. अभी भी भाजपा में सक्रिय कार्यकर्ता हूं. पार्टी लाइन से अलग जाकर राजेश कुशवाहा के पक्ष में प्रचार करने के मुद्दे पर सतेंद्र शर्मा का कहना है कि इसके लिए तो हमें पार्टी के लोगों ने ही कहा था कि राजेश कुशवाहा को पक्ष में प्रचार करो, लेकिन किसने कहा, यह नहीं बताया. सतेंद्र का कहना है कि वे जमीन पर कार्य करने वाले कार्यकर्ता है, मैं भी जिले में भाजपा की मजबूती के लिए भजयुमो के जिला अध्यक्ष पद की अपेक्षा रखता हूं.
बरौली से मुखिया पुत्र सचिन सिंह ने कुछ महीने पहले ही भाजपा में वापसी की है. वे भी इस चाह में हैं कि उन्हें जिला युवा मोर्चा की कमान मिल जाए. जुझारू व्यक्तित्व वाले सचिन छात्र राजनीति से काफी सक्रिय रहे हैं. लेकिन सचिन के मन में इस बात का भी भय है कि उन्हें कुछ नेता संरक्षण देकर आगे नहंी बढ़ांगे, क्योंकि इससे उन्हें इस बात का मनोवैज्ञानिक खतरा है कि कहीं सचिन उनके आगे न निकल जाए. सचिन का कहना है कि भजयुमो का कोई भी अध्यक्ष बने, लेकिन नेतृत्वकुशल का धनी होना चाहिए, जो जिले के हर ब्लॉक में युवाओं को जोड़ कर पार्टी को मजबूत कर सके. यदि हमें पार्टी यह मौका दे तो जीन जाने से जुट कर पार्टी की मजबूती में अहंम भूमिका निभा सकता हूं.
हथुवा विधानसभा में कुसौंधी से सोनू राय फेसबुक पर काफी सक्रिय रहते हैं. एक बातचीत में इस बात का अहसास दिलाते हैं कि हमें भी ऐसी महत्वूपर्ण जिम्मेदारी मिलती तो पार्टी की मजबूती में जी जान लगा देता. लेकिन सोनू का मानना है कि हमें जिम्मेदारी नहीं मिल सकती है, क्योंकि कई बार कई चीजे मायने रखती है, जो दिखती नहीं है. राजनीति हैं, पता नहीं पद देने वाले के मन में कौन-कौन की बात भा जाए. वहीं एक अन्य युवा कार्यकर्ता का कहना है कि भाजपा में भजयुमो अध्यक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण है, आमतौर पर यह पद उसी को मिलता है जो जिला अध्यक्ष को साध ले, इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की चापलूसी कर उनका मनपसंद बना रहे.  इस बात पर भाजपा जिला अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह का कहना है कि  ऐसी कोई बात नहीं है. भाजपा ही ऐसी पार्टी है जिसमें जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान मिलता है. भाजपा में युवा नेतृत्व की कमी नहीं है. भजयुमो के अध्यक्ष पद के लिए तीन नामों का प्रस्ताव प्रदेश ईकाई को भेजा गया था. घोषणा होने से पहले नया निर्देश आया है कि युवा अध्यक्ष 30 साल के कम आयु का होना चाहिए. लिहाजा, नए सीरे से नामों पर विचार किया जा रहा है, उम्मीद है जल्द ही नामों का घोषणा हो जाएगी.






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