नगीना राय की हत्या के साथ ही खत्म हो गई विरोधियों की राजनीति
आज 10 अप्रैल को शहादत दिवस है जिस दिन वीर नगीना बाबू को छल से मार दिया गया था। और उनकी याद किसी विधायक और सांसद महोदय को नही आयी आखि क्यों ,क्योंकि वह जात के नही जमात के नेता थे,क्योंकि उन्होंने हमेशा समाज के विकास के लिए काम किया,क्योंकि वे हमेशा गरीबो ,मजलूमो ,बेसहारो की आवाज को बुलंद करने का काम किया। क्योंकि उनका विरोध मात्र से काली पांडेय जी सांसद बन गए थे, क्योंकि उनके सानिध्य मात्र से कोई विधायक बन जाता था क्या इस बात की जलन है खैर जो भी हो लेकिन मैं सभी नेताजी लोगो को बता दूं यहाँ जनता की अदालत से न्याय मिलता है और जनता ही सजा सुनाती है। आज दुःख हुआ की कुछ ब्यक्तियों को छोड़कर किसी को उनकी याद नही आयी।
दुःखद है एक मुद्दे का यूँ चले जाना …………..!
स्व० नगिना राय जी की सहादत के इतने वर्षों वाद एक विचार जो मन को बार बार सोचने पर मजबूर करता है की आखिर उनकी हत्या से किसको क्या मिला? चुनावो के दौरान उन्हे कोश कर कई नेता सांसद और विधायक बन गए और इतिहास साक्षी है उनकी हत्या के साथ ही विरोधी नेताओं की राजनिती समाप्त हो गई या यूँ कहें की नेताजी स्व० नगिना राय के मरते ही उनके विरोधियों की राजनितिक मौत होगई । स्व कमला बाबू, स्व राजमंगल मिश्र, स्व नगीना बाबू जैसे लोग नेता नही जनता की आवाज थे और जब तक धरती है वे अमर है आपलोगो के याद करने या न करने से कुछ नही होनेवाला।
लेकिन मैं धन्यावाद देता हू युवा सोच की जो की आज सोशल मीडिया पर देखने को मिला।और मुझे उम्मीद है कि आगे भी युवा स्व कमला राय ,स्व नगीना राय, और स्व राजमंगल मिश्र के पदचिन्हों को नही भूलेगा हमेशा उसी पथ पर अग्रशर रहेगा।
हां आप लोगो को जरूर भूल जायेगी क्योंकि आपलोग नाम मात्र के नेता है।
नगीना बाबू अमर रहें।
कमला राय अमर रहें।
राजमंगल मिश्र अमर रहें।
टिप्पणियाँ
आज के सांसद विधायक बिधान पार्षद सोचें कि इनको कोन याद करेगा । इतनी ही जलन है तो कोई बन के दिखाओ नगीना राजमंगल मिश्र ,कमला ।
समय जरूर इनलोगो से जबाब मांगेगा।
#नगीना_बाबू_अमर_रहे
अमर रहें
नाम लेना उचीत नही होगा जब ओ जीन्दा थे तो यही लोग उनके तलवे चाटते थे
मै तो तलवे चाटने वालो को करीब से देखा हू
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