डीयर मोदी जी! देश में बनायें पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय

पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति ने दिया पीएम मोदी को मशविरा
विशेष संवाददाता
बिहार कथा. नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश   में जिस तरह के चुनाव नतीजे आए हैं, उसके बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधी संसदीय समिति द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया गया प्रस्ताव नए समीकरण का संकेत देता है. समिति की तरफ से मोदी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सामाजिक न्याय अधिकारिता की तरह पिछड़ा वर्ग का अलग मंत्रालय बनाने का मशविरा दिया गया है. समिति ने इसके लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए दी जाने वाली धनराशि पर्याप्त नहीं होने का तर्क दिया है. पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के चेयरमैन गणेश सिंह के साथ समिति के 18 सदस्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले और केन्द्र सरकार द्वारा किए जा रहे काम की प्रशंसा करते हुए अपना एजेंडा परोसा. समिति की तरफ से मोदी को जो पत्र सौंपा गया है, उसमें तीन मसलों की तरफ खास ध्यान आकृष्ट किया गया. इसमें पहला मुद्दा पिछड़ा वर्ग आयोग का उठाया गया. समिति की तरफ से कहा गया कि पिछड़ा वर्ग आयोग के पास संवैधानिक दर्जा नहीं होने के कारण कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं होते पातेे हैं. इसके लिए एससी-एसटी आयोग का हवाला देते हुए इसे संवैधानिक दर्जा देकर सशक्त बनाने की मांग रखी गई. समिति द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अधिकार क्षेत्र में विस्तार का मुद्दा भी उठाया गया है. समिति का कहना है कि आयोग का अधिकार सीमित होने के कारण कुछ ऐसी जातियों को जिन्हें इसके दायरे में लाया जाना चाहिए, वह कार्य नहीं हो पा रहा. समिति का मत है कि दो दशक पुराने आयोग को पिछड़ा वर्ग के अहम मुद्दों पर विचार करने का अधिकार सौंपा जाना चाहिए. इसके लिए केन्द्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 338 (10) में संशोधन का रास्ता सुझाया गया है. समिति की तरफ से तीसरा मसला पिछड़ा वर्ग के लिए पर्याप्त धनराशि का उठाया गया है, जिसके लिए सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की तरह अलग मंत्रालय बनाने अथवा इसी मंत्रालय में इसका अलग से विभाग गठित करने का सुझाव है. समिति द्वारा कहा गया कि बजट में जो राशि दी जाती है, उसमें पिछड़ा वर्ग के हिस्से में बहुत कम राशि आती है. समिति की तरफ से नीति आयोग और सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय में इस विषय को लेकर की गई चर्चा का हवाला देते हुए सुझाया गया कि पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए अलग से उपयोजना बजट का प्रावधान किया जाय. उप्र चुनाव नतीजों के बाद पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति जिस तरह से हरकत में आई है. उसका आशय साफ है कि संसदीय समिति का यह प्रस्ताव कोई नया गुल खिला सकता है. मोदी से मिलने वालों में साक्षी महाराज, संतोष अहलावत, डॉ. बूरा नरसैय्या गौड़, पी. करूणाकरन, राजीव सातव, रवीन्द्र कुशवाहा, विश्वम्भर प्रसाद निषाद, नरेन्द्र बुदानिया, रामनाथ ठाकुर, डॉ. विकास महात्मे, रामनारायण डूडी, हरिनारायण राजभर, कंवर सिंह तंवर, डॉ. प्रीतम गोपीनाथ मुंडे, रोडमल नागर, बंशीलाल महतो, राममोहन नायडु रहे.






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