रामकृपाल की जदयू नेताओं से मुलाकात के कारण बिहार में सियासी उबाल

जेडीयू नेता श्‍याम रजक, केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव और लालू file photo

पटना. ए.  पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रचंड जीत के बाद से बिहार में नये राजनीति समीकरण बनने की लगायी जा रही अटकलों के बीच केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव की सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेताओं से मुलाकात ने राज्य में सियासी उबाल ला दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कल रात होली के बहाने प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह और विधानसभा में जदयू के उप नेता श्याम रजक से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की जिसके बाद से राज्य में नये राजनीतिक समीकरण को लेकर अटकलों का बाजार और गरमा गया है । इस मुलाकात के दौरान केन्द्रीय मंत्री की जदयू नेताओं से क्या बात हुई इस बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पायी है लेकिन राजनीतिक हलके में कयास लगाये जाने लगे हैं कि 17 साल तक कभी साथ रहे भाजपा और जदयू एक बार फिर करीब हो सकते हैं। गौरतलब है कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 71 विधायकों वाला जदयू भाजपा के 53 विधायकों के समर्थन की बदौलत आसानी से सरकार बनाने के लिए जरूरी 122 का आंकड़ा हासिल कर सकता है। केन्द्रीय मंत्री श्री यादव और जदयू नेताओं की मुलाकात के बाद राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तेवर कड़े कर दिये हैं । इस मुलाकात से भड़के राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि जो राजनीति हो रही है, उसपर पार्टी की नजर है। उन्होंने कहा कि राजद को कमजोर समझने की कोई कोशिश भी ना करे। श्री वीरेन्द्र ने कहा कि राजद के पास 80 विधायकों की ताकत है और दोनों पार्टियों की मजबूरी है ,एक-दूसरे का साथ देना । उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव की जदयू नेताओं से मुलाकात पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ही कुछ करेंगे। सत्तारूढ़ महागठबंधन के एक अन्य घटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री डा0 अशोक चौधरी ने केन्द्रीय मंत्री की जदयू नेताओं से मुलाकात पर व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यदि भाजपा नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार कर रहे हैं तो वे महागठबंधन में शामिल हो जायें।






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