Sunday, December 18th, 2016
एक आम आदमी जिसने भोजपुरी को बना दिया खास
भिखारी ठाकुर, एक आम आदमी के सतह से शिखर तक की बेजोड़ मिसाल हैं भिखारी ठाकुर… बहुत कम लोग होते हैं जो जीते-जी विभूति बन जाते हैं… दरअसल, इस भिखारी ठाकुर की जीवन-यात्रा भिखारी से ठाकुर होने की यात्रा ही है…फर्क सिर्फ यह है कि लीजेंड बनने की यह यात्रा भिखारी ने किसी रुपहले पर्दे पर नहीं असल ज़िंदगी में जिया. भोजपुरी के नाम पर सस्ता मनोरंजन परोसने की परंपरा भी उतनी ही पुरानी है, जितना भोजपुरी का इतिहास….18 दिसंबर 1887 को छपरा के कुतुबपुर दियारा गांव में एक निम्नवर्गीयRead More