पंसउवा-हजारिया न चली ए बलम जी

500-1000 नोट पर जारी हुए भोजपुरी गीत,  ‘लागल दिलवा पे चोट, बंद भईल हजरिया नोट 

अवनीश अगाध.छपरा/आरा. ( biharkatha.com )
पीएम मोदी ने हजार और पांच सौ के नोट क्या बंद किये भोजपुरी गवईयों के गीतों में भी छा गये। घोषणा के बाद रातों-रात कई भोजपुरी एलबम तैयार हो गए। इन एलबमों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। मोदी जी के इस कदम की गवईयों ने अपने गीतों में खूब सराहना की है। हजारा-पंसउवा बंद कईलन मोदी जी, पंसउवा-हजारिया न चली ए बलम जी, लागल दिलवा पे चोट बंद भईल हजरिया नोट, कालाधन जे रखले होई लागल बा दिल पे चोट हो, सरीखे ऐसे भोजपुरी गीत हैं, जो बड़े नोटों की बंदी के बाद इन दिनों खूब सुने जा रहे हैं। गायकों ने अपनी गीतों में महिलाओं के दर्द और कुछ परेशानियों का भी जिक्र किया है वहीं कालाधन और भ्रष्टाचारियों पर भी गायिकी के जरिए हमला भी बोला है।
गायक आरके दिवाना का एलबम ‘बंद भईल 500-1000 के नोट’ और माधव मुरारी के एलबम ‘बंद भईल 500 हजरिया’ यूट्यूब पर जारी हो चुका है। इनके अलावा छोटू भारद्वाज के एलबम 1000 पांच सौ बंद कइलें मोदी जी, नैना सिंह के एलबम पंसउवा-हजरिया ना चली ए बलम जी और निशा उपाध्याय का एलबम लागल दिलवा पे चोट, बंद भईल हजरिया नोट के गाने भी खूब धूम मचा रहे हैं।
महिलाओं के चुपके रुपयों की है पीड़ा
छपरा जिले के गड़खा की रहने वाली गायिका निशा उपाध्याय ने कहा कि मोदी जी की घोषणा सराहनीय है। गीतकार महेश परदेशी की पत्नी की सच्ची घटना को आम महिलाओं के दर्द से जोड़कर उन्होंने गीत गाया है। उनका कहना है कि अपने पति से चुपके रुपए रखने की महिलाओं में परंपरा रही है। इस घोषणा के बाद सच उजागर होने पर ‘लागल दिलवा पे चोट, बंद भईल हजरिया नोट के बोल में इस दर्द को पिरोया गया है। input with thanks from livehindustan






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