मां की मौत के बाद कफन नहीं खरीद पाया बेटा, जेब में थे 500-1000 के नोट
मधेपुरा BIHARKATHA.COM . कालेधन पर नरेंद्र मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद लोगों को कफन के लिए भी भटकना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला बिहार के मधेपुरा में वार्ड नंबर 11 में सामने आया। बुधवार को मोहम्मद ऐनाउल अपनी मां की मौत के बाद कफन के लिए बाजार में भटकता रहा। उसके पास सिर्फ 500-1000 के नोट थे, जिसके चलते कोई कफन देने को तैयार नहीं था। ऐनाउल मां की मौत के बाद कफन तक नहीं खरीद पा रहा था।- आसपास के लोगों को जब यह पता चला तो पड़ोसी मोहम्मद इसरार अहमद ने उसे कफन के लिए पैसे दिए। तब जाकर बेटा अपनी मां के लिए कफन खरीद पाया और अंतिम संस्कार हुआ।
दूसरी ओर 500 और 1000 के नोट बंद होने की खबर के बाद से दुकानदार ग्राहकों से हाथ जोड़ते नजर आ रहे हैं। ग्राहक और दुकानदार के बीच नोकझोंक के साथ लाचारी भी देखी गई। दुकानदार रमेश गुप्ता का कहना है कि सुबह से 500 और 1000 का नोट लेकर सामान खरीदने एक दर्जन से ज्यादा ग्राहक आ चुके हैं। मैंने सभी से हाथ जोड़ते हुए कहा- भाई साब माफ कीजिएगा, लेकिन ये नोट नहीं ले पाएंगे। ग्राहक समीर का कहना है कि सामान खरीदने से पहले ही दुकानदार पूछ रहे हैं- आपके पास 500 या 1000 रुपए के नोट तो नहीं हैं।
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