बिहार:नोटबंदी ने बढ़ाई संघर्ष की घटनाएं,कहीं गई जान तो कहीं मारपीट,5 दिनों में डेढ़ हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित
पटना. देशभर में नोटबंदी को लेकर चल रही आपाधापी के बीच कई जगहों से हिंसा की कई खबरें आ रही हैं। अगर हम बात करें बिहार की तो वहां पिछले दो दिनों में संघर्ष की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। कहीं इलाज में देरी से बच्चे की मौत हुई तो कहीं, लोग लंबी लाइन में खड़े होकर बीमार पड़ गए। नोटबंदी के कारण राज्य में पिछले पांच दिनों में डेढ़ हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। इनमें बड़े उद्योगों में सबसे अधिक स्टील उद्योगों को नुकसान हुआ है। एटीएम में नए नोट लेने और पुराने नोट बदलने की आपाधापी में सोमवार को सूबे के विभन्नि जिलों से तीन लोगों की मौत के साथ कुछ हिंसक घटनाओं की खबरें आईं। हालांकि बिहार में गुरुनानक जयंती व कार्तिक पूर्णिमा के बावजूद बैंक खुले रहे जिससे थोड़ी राहत मिली। रविवार की अपेक्षा सोमवार को ज्यादा एटीएम भी काम कर रहे थे। सीवान के मैरवा में एक अस्पताल में एक गर्भवती की मौत इलाज में देरी के कारण हो गई। देरी इसलिए हुई क्योंकि डॉक्टर ने 12 हजार रुपये छोटे नोट में मांगे थे जो परिजनों के पास नहीं थे। हालांकि नवजात की जान बच गई। सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र झा ने कहा है कि महिला की मौत हुई है।
आरोप सही पाए जाने पर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मोतिहारी के ढाका स्टेट बैंक में रुपये निकालने आए गोनू महतो (50) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उधर, दरभंगा के ननकार गांव में बैंक से पैसे निकालने के दौरान रविवार को बेहोश हुए किसन राम की सोमवार को मौत हो गई। बैंक में लाइन में लगने के दौरान वे बेहोश हो गए थे।
सोमवार को वे पीएचसी से घर आ गए लेकिन घर में ही उनकी मौत हो गई।गया के मानपुर में नोट बदलने के दौरान हुई मारपीट के बाद इंजीनियरिंग के छात्र जयप्रकाश पर तलवार से हमला किया गया जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। गंभीर हाल में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, कटिहार के बरबन्ना मोहल्ले में कुछ युवकों ने नोट बदलने जा रहे मो. साकिब को चाकू मारकर जख्मी कर दिया। दरभंगा के मनीगाछी में नए रुपये की निकासी में देर होने पर आक्रोशित लोगों ने पीएनबी की शाखा में तोड़फोड़ की। फतुहा के डाकघर में भी उग्र ग्राहकों ने काउंटर के शीशे तोड़ दिए। हालांकि पटना में बैंकों में कतार छोटी रही। शहरी क्षेत्र के डाकघरों में नोट बदले जा रहे हैं। पर ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी नोट नहीं बदले जा रहे। source with thanks from हिन्दुस्तान
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