एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध का निर्णय निंदनीय ; लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया आवश्यक : नीतीश

पटना. biharkatha.com बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तं•ा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार का समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय निंदनीय है. जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनडीटीवी के प्रसारण पर 24 घंटे की रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करते हुए शनिवार को ट्वीट कर लिखा, लोकतंत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मीडिया आवश्यक है. केंद्र सरकार द्वारा एनडीटीवी को बैन करना, मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना, निंदनीय है. इससे पहले बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने v एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा करते हुए मौजूदा हालात को आपातकाल जैसा बताया था. उल्लेखनीय है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एनडीटीवी इंडिया को आठ नवंबर की रात 12 बजे से लेकर नौ नवंबर की रात 12 बजे तक (24 घंटे) के लिए प्रसारण बंद करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश इस साल जनवरी में पंजाब के पठानकोट में  bhरतीय वायुसेना के बेस पर हुए हमले की कवरेज में प्रसारण मानकों के उल्लंघन पर दिया गया है. एनडीटीवी इंडिया का हालांकि कहना है कि उसने वही प्रसारित किया, जो अन्य चैनलों पर दिखाया गया.

एनडीटीवी पर बैंन का विरोध राजनीति से प्रेरित
केंद्रीयमंत्री वेकैया ने किया सरकार का बचाव
कहा- यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया
एजेंसी. नई दिल्ली. एनडीटीवी इंडिया पर लगे एक दिन के बैन को न्यायसंगत बताते हुए केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि यह कदम राष्ट्र की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री नायडू ने शनिवार की सुबह दिए बयान में कहा कि एक टीवी चैनल को एक दिन के लिए बंद करने की कार्यवाही देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है. ज्ञात हो कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आने वाले बुधवार को एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण पर एक दिन के लिए रोक लगाने का आदेश दिया है. मंत्रालय ने पठानकोट हमले के दौरान चैनल द्वारा किए गए कवरेज पर आपत्ति जताते हुए सजा के तौर पर यह प्रतिबंध लगाया है.
एनडीटीवी ने दावों को झुठलाया
एनडीटीवी ने इस दावों को झुठलाया है जिसमें कहा गया है कि उसके हिंदी चैनल ने आतंकी हमले के दौरान संवेदनशील सूचना सार्वजनिक की है. एनडीटीवी ने अपने बयान में कहा है कि बेहद आश्चर्य की बात है कि एनडीटीवी को इस तरह एक मामले में अलग किया गया. तब जबकि स•ाी समाचार चैनलों और अखबारों की कवरेज एक जैसी ही थी. वास्तविकता में एनडीटीवी की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी. आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों में जकड़ लिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है. इसके मद्देनजर एनडीटीवी इस मामले में स•ाी विकल्पों पर विचार कर रहा है.

चारो ओर कड़ी निंदा
उधर वरिष्ठ पत्रकारों और समाचार संस्थानों ने एनडीटीवी इंडिया पर सरकार की ओर से लगाए गए एक दिन के बैन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसकी तुलना इमरजेंसी की स्थिति से की है, जब मूल•ाूत अधिकारों को खत्म कर दिया गया था और प्रेस की आजादी का दमन किया जा रहा था. नायडू ने इस फैसले पर होने वाली आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पठानकोट हमले के दौरान लाइव कवरेज में नियमों के उल्लंघन को लेकर एनडीटीवी इंडिया के खिलाफ प्रस्तावित कार्यवाही की देरी से हो रही, पूरी तरह आधी अधूरी सूचना और राजनीति से प्रेरित है.






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