Monday, October 24th, 2016

 

भ्रष्टाचार के अड्डे बने गोपालगंज के पैक्स ! नहीं हुआ आॅडिट तो डकार लिए करोड़ों की रकम

गड़बड़झाला. घपला करनेवाले पैक्स बैंकों पर कागज में उलझी सहकारिता विभाग की कार्रवाई पैक्स बैंक में गड़बड़झाला के पीछे सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदेह में है. पैक्स पर नियंत्रण करनेवाले अधिकारी कागज में ही जांच रिपोर्ट विभाग को भेज देते हैं. धरातल पर जांच नहीं होने से करोड़ों का घोटाला सामने आया है. गोपालगंज  ( biharkatha.com ): पैक्स में सहकारिता अधिनियम के तहत वर्ष 2001-02 में जमा वृद्धि योजना के तहत पैक्स बैंक खोले गये. पैक्स में जमा होनेवाली राशि कितनी सुरक्षित है, जब पड़ताल की गयी, तोRead More


दर्दनाक ; महिला इंजीनियर को कुर्सी से बांधकर जिंदा जलाया, चप्पल और कपड़े के आधार पर मां और बेटे ने की शिनाख्त

मौके पर केवल राख और पैर की हड्डियां मिली मुजफ्फरपुर( biharkatha.com ). मुजफ्फरपुर के अहियापुर के बजरंग बिहार कॉलोनी में रविवार की रात महिला इंजीनियर को कुर्सी से बांधकर जिंदा जला दिया गया। मौके पर केवल राख और पैर की हड्डियां मिली हैं। बगल में पड़ी चप्पल और कपड़े के आधार पर जेई की मां और बेटे ने शिनाख्त की है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है। जेई सरिता कुमारी जिले के मुरौल ब्लॉक में मनरेगा में कार्यरत थी। सोमवार की सुबह मकान मालिक विजय गुप्ता ने इसकी जानकारीRead More


गोपालगंज : सिर्फ होमगार्ड के  Bhaरोसे था भीड़ का नियंत्रण, इसलिए हुई हिंसा

सांप्रदायिक हिंसा के लिए बीजेपी ने सरकार को ठहराया दोषी धरना में जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंद राय, जिला प्र•ाारी सुbhaष सिंह तोमर व अन्य कुछ नेताओं की अनुपस्थिति नहीं होने से गुटबाजी समेत तरह तरह के कयास बिहार कथा न्यूज नेटवर्क .गोपालगंज. बिहार कथा न्यूज नेटवर्क .गोपालगंज. गोपालगंज में सोमवार को बीजेपी पार्टी के विधायकों ने अम्बेडकर चौक पर धरना दिया. धरना के माध्यम से बीजेपी नेताओं ने सरकार और जिला प्रशासन पर जम कर अपनी  bhaड़ास निकाली. नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार और जिला प्रशासन की गलत नीतियों के कारणRead More


नई चुनौतियों के समक्ष यूएनओ

24 अक्टूबर : संयुक्त राष्ट संघ की 71 वीं वर्षगांठ पर विशेष संजय स्वदेश संपूर्ण विश्व का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था संयुक्त राष्टï्र संघ २४ अक्टूबर को अपनी 71वीं वर्षगांठ मना रहा है। अपने सदस्य देशों के कारण दुनिया के सबसे शक्तिशाली माने जाने वाले इस संस्था पर पिछले कई सालों से अविश्वास की छाया पड़ती रही है। कारण यह है अधिनायकवादी मानसिकता से ओतप्रोत इसके सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशों ने इस संस्था को अपनी कठपुतनी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि इस संस्था को एकRead More


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