बुद्धिस्ट सर्किट के बहाने पीएम मोदी और सीएम नीतीश आए करीब
चार दिवसीय इंटरनेशलन बुद्धिस्ट कान्क्लेव 2 अक्टूबर से
विशेष संवाददाता. बिहार कथा न्यूज नेटवर्क
पटना/नई दिल्ली। सालभर पहले इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कांक्लेव हुआ था। बिहार के गया में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिरी दिन पहुंचे थे। पर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे थे। राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री ने इस्तेकबाल किया था तब से अब तक दोनों नेताओं के बीच दूरी पटी है। नीतीश कुमार का रवैया भाजपा के प्रति नरम हुआ है। दोनों तरफ से गरमजोशी दिखाई दे रही है। आगामी 2 से 6 अक्टूबर को आयोजित होने वाले कान्क्लेव में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने फंड के मामले में बिहार की खास तीमारदारी की है। वैसे तो कान्क्लेव उत्तरप्रदेश और बिहार सरकार की सहायता से आयोजित किए जा रहे हैं। बुद्धा के सभी आठ सर्किट इन्हीं दोनों राज्योंं में हैं। गया में 100 करोड़ की लागत से ेकन्वेंशन सेंटर को हरी झंडी दी गई है। मप्र के सांची को विकसित करने के लिए 60 करोड़ रुपए पर्यटन मंत्रालय ने दिया है। जब कि राजगीर, कपिलवस्तु, सरावस्ती और कुशीनगर में बुद्धा सर्किट के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अभी तक चूंकि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में जाने का कार्य्रकम फिक्स नहीं हुआ है सो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी जाना तय नहीं। मगर, तीन दर्जन से ज्यादा देशों से आ रहे विदेश मेहमानों को डिनर का इंतजाम नीतीश कुमार ने राजगीर में जरूर किया है। राजगीर-नालंदा इलाका वैसे भी नीतीश कुमार की कर्मस्थली रहा है। वैसे ही उप्र में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उपस्थिति की रजामंदी दे दी है। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी खुद पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने चुनिंदा पत्रकारों को दी।
दो चार्टर्ड विमानों में मेहमानों को कराया जाएगा सैर
बुद्धा सर्किट को अंतर्राष्टÑीय नक्शे पर नए सिरे से बेचने की कोशिश पर्यटन मंत्रवालय कर रहा है। यही कारण है कि जापान, चीन, मलेशिया, थाइलैंड समेत आसियान और सार्क देशों के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े नामचीन हस्तियों को न्यौता दिया गया है। सभी मेहमान कार्यक्रम की शुरूआत दिल्ली में करने के बाद चार्टर्ड विमान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे। दिल्ली के होटल अशोक में कान्क्लेव का उद्घाटन केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा करेंगे। वाराणसी के नजदीक सारनाथ भगवान बुद्ध की स्थली के रूप में विख्यात है।
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