मोतिहारी : शहीद के शोक में इस बार काली रहेगी इस गांव की दिवाली
शहीद जितेंद्र की राजकीय सम्मान संग अंतिम विदाई
मोतिहारी ( biharkatha.com )| जम्मू एवं कश्मीर के आरएसपुरा सेक्टर में पाकिस्तान की अरोर से की गई गोलीबारी में शहीद हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान जितेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बिहार के पूर्वी चंपारण के सिसवा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। शहीद जवान का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह सिसवा पहुंचा। अंतिम संस्कार तिलावे नदी के तट पर किया गया। शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने के साथ ही घर का माहौल गमगीन हो गया। अंतिम दर्शन करने पहुंचे आस-पास के इलाके के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। जितेंद्र के 10 वर्षीय पुत्र रोहित ने भी उन्हें अंतिम सलामी और मुखाग्नि दी। जितेंद्र का पार्थिव शरीर पहुंचते ही पूरा गांव ‘जितेंद्र अमर रहे’, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ जैसे नारों से गूंज उठा। इस मौके पर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। रक्सौल के सिसवा कचहरी टोला निवासी लक्ष्मी सिंह के पुत्र जितेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। इस बीच बिहार सरकार ने शहीद के परिवार को 11 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी भी शहीद के गांव पहुंचे और शहीद के परिजनों से मिलकर उन्हें हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया। इस मौके पर सिसवा पंचायत के मुखिया रामनारायण राय ने गांव में शहीद स्मारक और सिसवा चौक पर शहीद गेट बनवाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इस पंचायत में दिवाली नहीं मनाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि जितेंद्र की प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव सिसवा में ही हुई थी। उन्होंने वर्ष 1987 में रक्सौल स्थित हजारीमल उच्च विद्यालय से 10वीं की परीक्षा पास की थी।
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