मुंबई की देहमंडी में बेचने ले जा रही थी वह, स्कूल ड्रेस में होने से बच गई तीन लड़कियां

स्कूल जा रही बच्चियों को ‘आंटी’ ने ट्रेन में बिठाया ,  रेलकर्मचारियों की सतर्क निगाहों ने बचाया 
पटना ( biharkatha.com )। एक महिला ने इन तीन बच्चियों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें स्कूल की जगह रेलवे स्टेशन पर ले जाकर ट्रेन में बैठा दिया था। लेकिन रेलकर्मचारियों की सतर्क निगाहों ने जब महसूस किया कि दाल में काला है तो वे इन मासूम बेटियों से पूछताछ करने लगे। तब इन्हें मुंबई ले जाने की प्लानिंग का खुलासा हुआ। उन्हें ले जाने वाली महिला भाग निकली पर इन बच्चियों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। तीन लड़कियों के मुंबई जाने से बचाने के लिए ्ब दानापुर कैरेज एंड वैगन के दो कर्मियों की प्रशंसा हो रही है। आरपीएफ इंस्पेकेटर ने बताया कि स्कूल ड्रेस में लड़कियां इतनी भयभीत थीं कि पुलिस को देखते ही रोने लगीं। तीनों छात्राएं रामकृष्ण नगर के स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती हैं। वे शेखपुरा मोहल्ले की रहने वाली हैं। इन्हें मुंबई ले जाने की तैयारी थी। अपहरण कर ले जा रही महिला व उसके साथी का स्केच बनवाया जा रहा है।
बोलीं बच्चियां, स्कूल जाते समय ‘आंटी’ ने बरगलाया
पूछताछ के दौरान तीनों लड़कियों ने बताया कि मंगलवार को एक आंटी मिली और बोलीं कि स्कूल में बुधवार को फैंसीड्रेस प्रतियोगिता है। तुमलोग स्कूल डे्रस के साथ बैग में एक अच्छा ड्रेस भी ले लेना। तुमलोगों को साथ लेकर चलेंगे। बुधवार को स्कूल जाने के लिए घर से जैसे ही निकले तो वही आंटी मिल गईं। वह अपने साथ ले चली। इस दौरान दूसरी गली में साथ ले जा कर एक टेम्पो पर बैठा दिया और खुद आंटी 30 साल के आदमी के साथ पीछे के टेम्पो में बैठ कर पीछे-पीछे पटना जंक्शन आ गई। स्टेशन पर दोनों ने बताया कि झाझा में तुम लोगों के पिताजी की तबीयत बहुत खराब है। तुम लोगों को वहां देखने बुलाए हैं। ट्रेन से चलो मुलाकात करा देते हैं।
ट्रेन में बैठने के पहले ही उनमें से एक बच्ची रोने लगी। इस के बाद साथ खड़े आदमी ने अपने कमर में रखे पिस्टल व आंटी ने बैग से चाकू निकाल कर दिखाया और बोली कि हल्ला करोगे तो तुम लोगों को मार देंगे। तुम्हारे माता-पिता को भी मार दिया जाएगा। जैसा हम कहते हैं वैसा ही करना, कोई पूछे तो कुछ भी नहीं बताना। इस के बाद तीनों को दानापुर ले आया गया और यार्ड में खड़ी पाटलिपुत्र-पुणे एक्सप्रेस में बैठा दिया गया। उनलोगों से कहा गया कि कोई पूछे तो बोलना नानी के पास पुणे जा रहे हैं। इसी बीच ट्रेन में काम करने आए रेलकर्मियों ने लड़कियों को टोका तो पीछे बैठी महिला और पुरुष भाग निकले।
परिजनों को सौंपी गईं बच्चियां
दानापुर रेलवे यार्ड के कैरेज एंड वैगन में काम करने वाले सेक्शन इंजीनियर सतीश रंजन और रमाकांत ने बताया कि यार्ड में खड़ी ट्रेन की जांच के क्रम में उन्होंने देखा कि तीन नाबालिग बच्चियां पाटलिपुत्र-पुणे ट्रेन के एस 13 में कुछ खा रही थीं। पूछताछ में समझ में आया कि मामला गड़बड़ है। तीनों को कार्यालय में ले जाकर पूछताछ किया गया तो वे रोने लगीं। तीनों बच्चियों को आरपीएफ के हवाले कर दिया गया। आरपीएफ ने पहले तीनों बच्चियों के परिजनों को बुलवाया फिर बाद में कानूनी कार्रवाई के बाद परिजनों को सौंप दिया। source- jagran.com






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