सीवान में रालोसपा के पूर्व जिला प्रवक्ता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत
तरवारा बाजार के एक निजी स्कूल का भी संचालक था नारायण
घटना को ले क्षेत्र में कई तरह की हो रही चर्चा
लोग कर्ज के बोझ को बता रहे आत्महत्या का कारण
सीवान. biharkatha.com जिले के जीबी नगर थाना क्षेत्र के तरवारा बाजार के अपने निजी स्कूल में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पूर्व जिला प्रवक्ता नारायण कुमार की मौत संदिग्ध परिस्थिति में हो गई। लोगों में चर्चा है कि उसने आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। वे सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे। घटना की सूचना मिलते ही लोग घटना की सत्यता जानने को ले उनके घर पहुंचने लगे। हालांकि इस मामले को ले पुलिस किसी तरह की जानकारी होने से इंकार कर रही है। घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार जीबी नगर थानाक्षेत्र के कैथी गांव के अशेश्वर सिंह के मंझले बेटे नारायण कुमार फिलहाल तरवारा बाजार पर सीवान रोड में एक निजी स्कूल चलाते थे। मंगलवार की देर शाम जब उनसे मिलने उनके पहचान का कोई स्कूल पहुंचा तो उनका शव एक कमरे में पंखे की कड़ी से लटकता देखा। अपने साथी की मदद से बाइक से शव लेकर उसके पैतृक गांव कैथी लेकर गया। जहां आनन-फानन में शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। लोगों का कहना है कि मृतक ने कई लोगों से लाखों रुपए कर्ज भी लिए थे। इस काम में उसके कई दोस्त भी शामिल थे। पैसे के लिए हमेशा ही स्कूल परिसर में पंचायती होने की भी बात सामने आ रही है। लोगों के अनुसार कई बार पंचायती के दौरान नारायण कुमार से यह भी कहते सुना गया कि अगर लोग पैसों के लिए ज्यादा दबाव बनाएंगे तो वह आत्महत्या भी कर लेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक पैसों के लौटाने को ले हमेशा ही डिप्रेशन में रहता था। जीबी नगर इंस्पेक्टर ललन कुमार ने बताया कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मामले की तहकीकात करा रहा हूं।
आत्महत्या या हत्या की भी हो रही चर्चा
मृतक नारायण कुमार ने आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई यह तरवारा बाजार पर बुधवार को चर्चा के केन्द्र में रहा। लोग दिनभर कई तरह की चर्चा करते रहे। लोगों का कहना था कि पंखे की कड़ी से लटका देखने पर उसके दोस्त ने न ही शोर मचाया न ही पुलिस को ही इसकी सूचना दी। लोगों में यह भी चर्चा हो रही है कि रोजाना बकाया मांगने वालों के घर पहुंचने से परिवार के लोग भी आजिज थे। मृतक का बड़ा भाई भी स्कूल की ही गाड़ी चलाता है। वहीं छोटा भाई स्कूल की देखरेख करता है। फिलहाल परिजन भी कुछ कहने से कतरा रहे हैं।
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