धरने के बहाने जानें क्या चल रहा है गोपालगंज बीजेपी के अंदरखाने में
कार्यालय संवाददाता. बिहार कथा : गोपालगंज में बीजेपी के एक कर्मठ कार्यकर्ता की शिकायत है कि फेसबुक पर जो सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं, पार्टी के काम के मौके पर उनका अपना काम पड़ जाता है. जैसे 24 अक्टूबर के धरना में जिला अध्यक्ष के प्रबल दावेदार अमरेश राय, जिला प्र•ाारी, सुभाष सिंह तोमर, जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंदराय, जिला उपाध्यक्ष राजू चौबे, जिलामंहामंत्री दुर्गा राय आदि धरने से नदारद दिखे. .जब किसी को पार्टी के कारण प्रतिष्ठा मिलती है तो पार्टी के काम में v प्राथमिकता दिखानी चाहिए. लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है. नाम खुलासा नहीं करने की शर्त पर एक अन्य कार्यकता ने दावा किया कि जो धरने से नदारद थे, उनकी मंशा थी कि यह धरना असफल हो जाए. लेकिन उनके दुर्•ााग्य से यह धरना काफी सफल हो गया. अच्छी खासी bheed उमड़ी. गोपालगंज समेत बिहार के 7 जिलों में उपद्रव : 40 से अधिक गाड़ियों में लगाई...
वहीं धरने में उपस्थित नहीं होने के संबंध में जब जिलाध्यक्ष ब्रह्मानंद राय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी सहमति से धरना हो रहा था, लेकिन वे व्यक्तिगत कारणों से उपस्थित नहीं हो सके. इसकी सूचना उन्होंने पाटी के अन्य पदाधिकारियों को पहले ही दे दी थी. वहीं पार्टी सूत्रों का कहना कि धरने की तिथि पटना में अमरेश राय और ब्रह्मानंद राय, बिनोद सिंह आदि जिले के नेताओं की सहमति से तय हुआ था. इसके बाद v अमरेश राय दिल्ली के लिए उड़ गए, ब्रह्मानंद राय ने अपने घर में पूजा रखवा ली. वहीं दुर्गाराय पहले ही अपने पैतृक गांव निकल गए थे, तो जिला उपाध्यक्ष राजू चौबे निजी कार्य से सीवान चले गए थे. गोपालगंज : सिर्फ होमगार्ड के Bhaरोसे था भीड़ का नियंत्रण, इसलिए हुई हिंसा
सोशल मीडिया पर नेता, जमीन पर जीरो
इन दिनों सोशल मीडिया पर कम दिखने वाले उमेश प्रधान मुस्तैदी से धरना में उपस्थित दिखे. तो फेसबुक पर धुंआधारी से अपना जनसंपर्क बढ़ाने वाले जिला उपाध्यक्ष शिवकुमार उपाध्याय v इस धरने में कहीं नहीं दिखे. ऐसी स्थिति में पार्टी में गुटबाजी का सवाल लाजिमी है, इस मुद्दे पर अमरेश राय का कहना है कि सांसद जनक राम के साथ दिल्ली आने के कारण वे धरना में नहीं आ सके. सब कार्यक्रमों को देखते हुए पटना में पार्टी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में धरना की तिथि 26 अक्टूबर तय हुई थी, लेकिन जब यह 24 को हुई तो उपस्थित नहीं हो सके. खुफिया अलर्ट के बाद हिंसा रोकने में असफल रहा गोपालगंज प्रशासन!
फ्लॉप की अफवाह झूठी बात
वहीं इस संबंध में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व जिलाध्यक्ष के प्रबल दावेदार बिनोद कुमार सिंह से बात हुई तो उन्होंने कहा कि मीडिया में धरन के लिए 24 अक्टूबर की तिथि जारी हो गई थी. जिले में प्रशासन के एकतरफा कार्यवाई को देख ही यह खिलाफती धरना 24 अक्टूबर का किया गया। पार्टी में गुटबाजी के मुद्दे पर अमरेश राय ने दावा किया कि ऐसी कोई बात नहीं है. धरना फ्लॉप करने की बात कोरी अफवाह है. जिला कार्यकसमिति से वापस लौटते ही पार्टी पदाधिकारियों के साथ डीएम एसपी से मुलाकात हुई, तो पता चला की प्रशासन की कार्रवाई एकतरफा नहीं हो रही है, हां, बीजेपी बड़ी पार्टी है, बड़ा परिवार है तो किसी सदस्य के मन में कोई बात हो तो वह दूसरी चीज है.
प्रशासन से प्रताड़ित युवाओं के लिए नहीं लिया स्टैंड
वहीं एक सोशल मीडिया के साथ क्षेत्र में सक्रिय एक बीजेपी युवा मोर्चा के नेता ने नाम खुलासा नहीं करने की शर्त पर दावा किया कि गोपालगंज जिले में पार्टी के युवा कार्यकर्ता प्रताड़ित हुए, पार्टी ने कोई स्टैंड नहीं लिया. पार्टी के धरने में हाल ही में एक युवा द्वारा दिए गए धरने से कम bheed थी. पार्टी के इस धरने से कई नेता नदारद थे. इससे स्पष्ट है कि पार्टी में कीं न कहीं गुटबाजी है. इस बाबत जब बिनोद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने कहां कि धरना काफी सफल रहा है. सोशल मीडिया में शेयर की गइ तस्वीरों में साफ दिख रही है कि धरने में bhaरी bheeड़ थी. जहां तक प्रशासन की ओ से प्रताड़ित करने के मुद्दे पर स्टैंड की बात है तो यह धरना ही प्रशासन के खिलाफ था. जहां तक पार्टी में गुटबाजी की बात है तो यह अफवाह मात्र है.
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