संजय सिंह.भागलपुर. दिल्ली के मार्बल व्यवसायी बाबूलाल शर्मा के दोनों अपहृत बेटों कपिल और सुरेश शर्मा के मोबाइल का टावर लोकेशन हवेली खगड़पुर (मुंगेर) में मिला है। इसके बाद पुलिस ने इस रंजन बिंद की तलाश सरगर्मी से शुरू कर दी है। रंजन फरीदाबाद में रहता है। विदित हो कि कपिल व सुरेश का अपहरण उन्हें पटना बुलाकर कर लिया गया है तथा उन्हें छोड़ने के बदले चार करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है। पुलिस के अनुसार रंजन बिंद पहले नक्सलियों के लिए पोस्टर चिपकाने का काम करता था। बाद में उसने नक्सलियों के नाम पर लेवी वसूलनी शुरू कर दी। इस दौरान उसने कुछ लोगों की हत्या भी की। लेवी की राशि के संगठन तक नहीं पहुंचने के बाद नक्सलियों ने रंजन को संगठन से बाहर कर दिया। उसके बाद उसने अपना गिरोह बनाकर रंगदारी वसूलनी शुरू की। रंजन के निशाने पर सबसे अधिक शिक्षक रहते थे। खडग़पुर अनुमंडल के टेटिया बंबर को उसने अपना कार्यक्षेत्र बनाया। पांच माह पूर्व पुलिस ने उसके पूरे परिवार को फिरौती के लिए अपहरण के मामले में जेल भी भेजा था। तब रंजन लखीसराय जिले से गिरफ्तार हुआ था।
फरीदाबाद में बनाया मकान : हाल ही में रंजन जेल से बाहर निकला था। जेल में रहने के दौरान रंजन ने लखीसराय और बेगूसराय के अपराधियों के बीच भी अपनी पैठ बना ली। अपराध की बदौलत अर्जित संपत्ति से रंजन ने फरीदाबाद में अपना मकान बना लिया है।
अपहरण के लखीसराय कनेक्शन की आशंका : पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस घटना में रंजन बिंद का सीधे हाथ नहीं भी हो, फिर भी बिना उसकी मिलीभगत के कारोबारी के दोनों पुत्रों को हवेली खडग़पुर नहीं लाया जा सकता है। पुलिस इस घटना में लखीसराय के अपराधियों का हाथ होने की आशंका पर भी काम कर रही है। यदि अपहरण में लखीसराय के अपराधियों का हाथ है तो भी अपराधी दोनों अपहृतों को पुलिस की नजर से बचाने के लिए हवेली खडग़पुर ला सकते हैं।
भीमबांध इलाके में नहीं होंगे अपहृत : एक वरीय पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि भीमबांध में सीआरपीएफ का कैंप है। इस कारण वहां दोनों व्यवसायी पुत्रों को रखने की बात गले नहीं उतरती। यह संभव है कि आस-पास के क्षेत्रों में दोनों को रखा गया हो। यह भी संभव है कि कारोबारी के दोनों पुत्रों के मोबाइल फोन को किसी माध्यम से हवेली खडग़पुर भेज दिया गया हो, ताकि पुलिस जांच भ्रमित हो। with thanks from jagran.com
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