सीवान में साहेब तो आ गए, पर पुलिस पहले जैसे डरपोक नहीं रही
संजय कुमार
कुख्यात शहाबुद्दीन जेल से बेल पाकर भले ही सीवान के अपने पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंच गए हो। समर्थकों में बड़ा हुजूम है। शक्तिप्रदर्शन का दौर है। लेकिन एक सच यह भी है कि हालात 11 साल पहले के जंगलराज की तरह नहीं रहे। एक दौर था जब जगताबाबू को सुरक्षा देने के बजाय पुलिस यह कह दिया था कि आप यहां से कही और चले जाइए, इसी में आपका और हमारी भलाई है। खौफ का आलम यह था कि पुलिस दुबकी रहती थी। रात में छापा मारने से डरती थी। भले ही सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ साहेब का सीवान में प्रवेश हुआ हो, लेकिन सच यह है कि जब से सीवान में शहाबुद्दीन आए हैं। पुलिस की मुस्तैदी बढ़ गई है। प्रतापपुर आने-जाने वाली अधिकतर गाड़ियों की सघन जांच पड़ताल हो रही है। क्या 11 साल पहले यह संभव था। पुलिस प्रतापपुर आने-जाने वाली गाड़ियों की संघन तलाशी ले पाती। यही नहीं जिले के कुख्यात अपराधियों की धड़-पकड़ करने के लिए एसटीएफ की एक टीम सीवान पहुंच चुकी है। एसपी सौरभ कुमार साह ने बताया कि जिले में कई कुख्यात अपराधी हैं, जिनकी पुलिस को तलाश है। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए जिले में एसटीएफ की एक टीम बुलायी गयी है। उन्होंने कहा कि यह टीम अभी स्थायी रूप से सीवान में रहकर अपराधियों के खिलाफ अपना अभियान चलायेगी। संकेत साफ है। मीडिया में भले ही शहाबुदद्ीन के आने से जंगलराज रिटर्न का माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन सच यह है कि पुलिस अब पहले जैसी डरपोक नहीं रही। उसकी सक्रियता बढ़ गई है।
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