भूखों के लिए नौकरी छोड़ी, यूएन में सम्मान
बरात के बचे खाने से भरा भूखों का पेट
रिचा बांका
नई दिल्ली। भारतीय विवाह समारोहों में भोजन को व्यर्थ होता देख मैनेजमेंट के स्नातक अंकित क्वात्रा ने बचे हुए भोजन को भूखे लोगों के बीच बांटने का तरीका निकला। ‘फीडिंग इंडिया’ शुरू करने के लिए अंकित ने अपनी अच्छी खासी नौकरी भी छोड़ दी। और अब अंकित को उनकी इस पहल के लिए संयुक्त राष्ट्र ने स्थायी विकास के लक्ष्यों के उद्घाटन सत्र के लिए युवा नेताओं में से एक के तौर पर चुना है। उनके समेत कुल 17 युवा नेताओं को चुना गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इन युवा नेताओं को 186 देशों के 18 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों के बीच से चुना है। अंकित ने बताया- मैंने दो साल तक वैश्विक कारोबारी सलाहकार फर्म में काम किया। एक दिन मैं एक बड़े खानदान के विवाह समारोह में गया जहां 10 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया था। यहां 35 किस्म के पकवान थे। मैं यह देखने के लिए वहां रूक गया कि बाद में बचे हुए भोजन का क्या होता है। यह देखकर मुझे बेहद दुख हुआ और ठेस पहुंची कि बचे हुए ढेर सारे भोजन को कूड़े में फेंक दिया गया। उस रात इस बचे हुए भोजन से 5,000 लोगों का पेट भरा जा सकता था। इसके बाद उन्होंने अपना खुद के गैरसरकारी संगठन फीडिंग इंडिया की स्थापना का फैसला लिया। संगठन का दावा है कि 28 शहरों में अपने 2,000 स्वयंसेवकों की मदद से उसने दस लाख लोगों को भोजन करवाया है। यह संगठन शादी, कारपोरेट कंपनियों, कैंटिनों, बैंक्वेट और घरों से बचे हुए अतिरिक्त भोजन को जरूरतमंद लोगों के बीच बांट देता है। अब अंकित स्थायी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना का मसौदा तैयार करने पर काम करेंगे जिसे संरा महासचिव बान की मून समेत संरा के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा जाएगा।
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