बिहार कांग्रेस में बवाल, अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश सिंह के लिए लॉबिंग तेज
विशेष संवाददाता, बिहार कथा न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। लगता है पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी के करीबी एआईसीसी महासचिव सीपी जोशी के दिन अच्छे नहीं चल रहे। उनके प्रभार वाले राज्योंं में कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। पहले अरुणाचल में कांग्रेस की भद पिटी जब समूची सरकार ने मुख्यमंत्री सहित पाला बदलकर आलाकमान को जोर का झटका दिया। कांग्रे्रस के हाथ से अरुणाचल खिसक गया। फिर पश्चिम बंगाल मेंं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मानस भुईयां तकरीबन दर्जनभर बड़े नेताओं के साथ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पश्चिम बंगाल भी सीपी जोशी के प्रभार वाला राज्य है। भुईयां ने कांग्रेस छोड़ते हुए इसका ठीकरा सीपी जोशी पर फोड़ा। और अब विद्रोह की आग बिहार पहुंच चुकी है। बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कैबिनेट मंत्री के पद पर बैठे अशोक चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना चाहिए। एक ही नेता को दो महत्वपूर्ण पद आलाकमान कैसे दे सकता है? बतौर एआईसीसी महासचिव बिहार की जिम्मेदारी सीपी जोशी के पास ही है। अशोक चौधरी को जोशी का वरदहस्त माना जाता रहा है। akhilesh-singh-congress-in-biharयही कारण है कि बिहार के तकरीबन सभी वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाला हुआ है। इनमें से ज्यादातर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और कभी लालू प्रसाद के करीबी रहे अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंपने की वकालत कर रहे हैं। शुक्रवार को राहुल गांधी के लखनऊ में सभा होने की जानकारी मिलने के बाद गुरुवार की शाम दजर्नभर नेताओं ने दिल्ली से लखनऊ का रुख किया। बाकी बचे नेता सोनिया गांधी से मिलने का समय मांग रहे हैं। सीपी जोशी ने कहा, प्रदेश अध्यक्ष किसे बनाना है किसे हटाना है यह काम आलाकमान का है और आलाकमान किसी दबाव में कोई निर्णय नहीं करता। उनका इशारा साफ है कि दलित बिरादरी से आने वाले अशोक चौधरी को नहंी हटाया जाएगा। उधर, बिहार के कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस के शामिल होने के बाद अभी संगठन को मजबूत करने का वक्त है। अशोक चौधरी कैबिनेट मंत्रीह होने के कारण संगठन को उतना वक्त नहीं दे पाते इसीलिए दूसरे नेता को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। with thanks from haribhoomi






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com