Wednesday, July 13th, 2016
अन्नदाता की मेहनत से कौन मालामाल
संजय स्वदेश अर्थशास्त्र में मांग और पूर्ति की एक समान्य सी बात बताई जाती है। यदि मांग ज्यादा है तो कीमत भी ज्यादा होगी। यदि कीमत सस्ती होगी, तो आपूर्ति भी काम होगी। अर्थशास्त्र के इस नियम में भले ही बहुसंख्य धंधे फीट बैठते हों, लेकिन खेती-किसानी में यह बात थोड़ी-सी पटरी से उतर जाती है। मांग देखकर यदि किसान किसी अनाज की बुआई करता है और उस वर्ष उसका उत्पादन ज्यादा होता है, तो उस लागत से बहुत ज्यादा इतना भी धन प्राप्त नहीं हो पाता है कि वहRead More