सीवान : यहां पंचर बनाने वाले सुलेशन के नशे से टुल हैं बच्चे
राजेश कुमार राजू. सीवान।
सीवान रेलवे जंक्शन पर ऐसे सैकड़ों बच्चे लावारिसहालत में देखने को मिलते है, जिनके ना मां बाप का पता है ना परिवार का। कई बच्चे स्टेशन परिसर में ही भीख मांग कर पेट पालने को मजबूर हंै। कई बच्चे तो भिखारियों के ही संरक्षण में रहते हैं। इन्हें मजबूर कर अवैध काम भी कराया जाता है। बिहार कथा की ओर से इन बच्चों की हालत की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि यहां अधिकतर बच्चे किसी ने किसी तरह के नशे के शिकार हो चुके हैं। कई तो साइकिल के पंचर चिपकाने वाले सुलेशन से नशा करते हैं। नशे के हालत में यात्रियों के समान को पार करना या पॉकेटमारी करना आम बात है।
कुछ बच्चों ने तो यहां तक खुलासा किया कि वे सिवान स्टेशन परिसर में यौन शोषण के भी शिकार हो रहे हैं। देशभर में अलग-अलग जगहों से हर वर्ष हजारों बच्चे गायब हो होते हैं। वे मानव तस्करों के भी गिरफ्त में फंस जाते हैं। उचित पुर्नवास व्यवस्था के अभाव में लावारिश बच्चे स्टेशन पर ही शरण पाते हैं। यात्रियों के भीख में मिली वस्तुएं से पेट भरते हैं। फिर कचरा चुनते हैं। इसी क्रम में धीरे धीरे वे नशे के गिरफ्त में चले जाते और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने लगते हैं।
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