गोपालगंज : पांच दिनों से बाढ़ में फंसे लोग दाने-दाने को मुहताज
समय पर प्रशासन से नहीं हो पाई नाव की व्यवस्था, नेता केवल दौरे का सोशल मीडिया में शेयर कर रहे हैं फोटो गंडक नदी की तबाही झेल रहे 80 हजार लोगों की हालत गंभीर, ईटवां पुल तक पानी ऊपर बढ़ने लगा
बिहार कथा न्यूज नेटवर्क
गोपालगंज : नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण गंडक नदी ने गोपालगंज में विकराल रूप धारण कर लिया है। नदी के रुख के कारण 60 गांवों के लगभग 80 हजार की आबादी में त्राहिमाम मचा हुआ है। सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं होने से बाढ़पीड़ित पांच दिनों से घरों में कैद हैं। इस बीच सिपाया में सीवान के कुछ अधिकारी दाहा नदी के मुहाने को बंद करने पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने जम कर विरोध किया। सीओ और अधिकारियों का घेराव कर डाला। ग्रामीणों के आक्रोश के कारण नदी का मुहाना बंद नहीं हो सका। ज्ञात हो कि 22 जुलाई से गंडक नदी में आये उफान के कारण बाढ़ की त्रासदी झेलने को कुचायकोट, सदर प्रखंड, मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर प्रखंड के लगभग 80 हजार की आबादी विवश है। लोग दाने-दाने के लिए मुहताज है. यहीं नहीं स्थानीय नेता बाढ़ के क्षेत्रों में जम कर दौरा कर रहे हैं, फोटो खिंचाकर फेसबुक पर शेयर कर रहे हैं। लेकिन पीड़ितों के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं दिख रहा है। डीएम खुद जिले के दियारा इलाके में जाकर ग्रामीणों को समझा रहे हैं और उन्हें नदी के निचले इलाकों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर बनाये गए शिविर में आने की अपील कर रहे हैं। एनडीआरएफ को भी संभावित इलाकों में तैनात किया गया है। अनुमान के मुताबिक, नेपाल में भारी बारिश के बाद वाल्मीकि नगर बैराज से पांच लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने की संभावना है।
दरअसल, नेपाल में तीन दिनों से हो रही बारिश बिहार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। जलस्तर के बढ़ने से नदी के किनारे वाले इलाके में और खासकर दियारा इलाके में जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त हो जायेगा। ऐसे में लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
अफवाह से बचने की अपील
डीएम राहुल कुमार ने कहा है कि, नेपाल के तराई क्षेत्र में 305 एमएम से ज्यादा बारिश हुई है। जिसकी वजह से बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने की संभावना है। लिहाजा लोग गंडक के निचले इलाकों को छोड़कर तटबंधों से बाहर आ जाए। जगह-जगह शिविर बनाये गए है। डीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि, लोग घबराये नहीं बल्कि परेशानी से बचने के लिए ऊंचे जगहों की तरह पलायन करें। डीएम ने किसी भी तरह की अफवाह से बचने की भी अपील की।
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