मोदीजी, अगर सचमुच आप गौ प्रेम करते हैं तो अपने हर मंत्री के लिए नियम बनाइए कि वह अपने बंगलों में गाय पालेगा
जी हां, मैं उसी घटना की बात कर रहा हूं जिसमें चमड़ा उद्योग से जुड़े चार दलित युवकों को बेरहमी से सरेआम बुरी तरह से सिर्फ इसीलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने अपनी आजीविका के लिए मरी हुई गायों के खाल को उतारा था। यह जो गौ-सेवा और गौ रक्षा के नाम पर कुकुरमुत्तों की तरह जगह-जगह हिंसक तथाकथित गौ-रक्षक दल इत्यादि पनप रहे हैं, इस आग के पीछे सबसे बड़ा हाथ आरएसएस और आपका ही है।
लालू यादव जो लुटयेंस दिल्ली के बंगले एवं मुख्यमंत्री आवास में भी गौ-माता रखता है। मेरे द्वारा दिल्ली के बंगले में गाय रखने पर मुझे जातिवादियों द्वारा ग्वाला और ग्वार कहा गया। मैं दिखाने के लिए गाय नहीं रखता, जब कुछ नहीं थे तब भी गाय रखते थे और आज भी रखते हैं। आज भी शायद मिलाकर बीजेपी के सभी नेताओं के पास इतनी गायें नहीं होंगी जितनी हमारे आवास एवं खटाल (गौशाला) में है।
गाय के नाम पर लोगों को बांटने वाले नेताओं का गौ-सेवा से क्या सरोकार? आपके जम्बो मंत्रिमंडल के 78 मंत्री लुटयेंस दिल्ली के बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं। कितनों ने अपने भीमकाय बंगलों में गाएं पाली हुई हैं ? कुत्ते जरुर पाल रखे होंगे।
मोदीजी, अगर सचमुच आप गौ प्रेम करते हैं तो आप अपने हर मंत्री के लिए नियम बनाइए कि हर कोई अपने बंगलों में गाय पालेगा, खुद अपने हाथों से उनकी देखभाल करेगा, उन्हें नहलाएगा, खिलाएगा और मृत्यु होने पर उनका विधिवत अंतिम संस्कार भी करेगा। ताकि मृत गायों को उनके बंगलों से ले जाते वक्त आप ही के कार्यकर्ता उन दलितों या पिछड़ों की हत्या ना कर दें।
उना की घटना अपने आप में कोई अनोखी या एकमात्र घटना नहीं है, आए दिन यह पागलपन देश के किसी ना किसी कोने में अपना नंगा नाच दिखाता है और आप दूसरी ओर मुंह फेर लेते हैं।
अब संघ और भाजपा का यह स्वांग बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री जी, ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को पिछले दरवाज़े से हम दलित, पिछड़े और आदिवासियों पर पुनः लादने का प्रयास बंद कीजिए, वरना इसका परिणाम देश के लिए विध्वंसक होगा।
लालू यादव जो लुटयेंस दिल्ली के बंगले एवं मुख्यमंत्री आवास में भी गौ-माता रखता है। मेरे द्वारा दिल्ली के बंगले में गाय रखने पर मुझे जातिवादियों द्वारा ग्वाला और ग्वार कहा गया। मैं दिखाने के लिए गाय नहीं रखता, जब कुछ नहीं थे तब भी गाय रखते थे और आज भी रखते हैं। आज भी शायद मिलाकर बीजेपी के सभी नेताओं के पास इतनी गायें नहीं होंगी जितनी हमारे आवास एवं खटाल (गौशाला) में है।
गाय के नाम पर लोगों को बांटने वाले नेताओं का गौ-सेवा से क्या सरोकार? आपके जम्बो मंत्रिमंडल के 78 मंत्री लुटयेंस दिल्ली के बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं। कितनों ने अपने भीमकाय बंगलों में गाएं पाली हुई हैं ? कुत्ते जरुर पाल रखे होंगे।
मोदीजी, अगर सचमुच आप गौ प्रेम करते हैं तो आप अपने हर मंत्री के लिए नियम बनाइए कि हर कोई अपने बंगलों में गाय पालेगा, खुद अपने हाथों से उनकी देखभाल करेगा, उन्हें नहलाएगा, खिलाएगा और मृत्यु होने पर उनका विधिवत अंतिम संस्कार भी करेगा। ताकि मृत गायों को उनके बंगलों से ले जाते वक्त आप ही के कार्यकर्ता उन दलितों या पिछड़ों की हत्या ना कर दें।
उना की घटना अपने आप में कोई अनोखी या एकमात्र घटना नहीं है, आए दिन यह पागलपन देश के किसी ना किसी कोने में अपना नंगा नाच दिखाता है और आप दूसरी ओर मुंह फेर लेते हैं।
अब संघ और भाजपा का यह स्वांग बंद होना चाहिए। प्रधानमंत्री जी, ब्राह्मणवादी और मनुवादी मानसिकता को पिछले दरवाज़े से हम दलित, पिछड़े और आदिवासियों पर पुनः लादने का प्रयास बंद कीजिए, वरना इसका परिणाम देश के लिए विध्वंसक होगा।
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