गुटका माफियाओं से हारी बिहार सरकार, प्रतिबंध को हाईकोर्ट ने किया खारिज
बिहार कथा,विशेष संवाददाता.पटना।
पटना उच्च न्यायालय ने गुटका एवं पान मसाला के उत्पादन, भंडारण, वितरण, परिवहन और बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर बिहार सरकार की गत वर्ष छह नवंबर को जारी अधिसूचना को मंगलवार को खारिज कर दिया। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने आज बिहार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त की गुटका एवं पान मसाला के उत्पादन, भंडारण, वितरण, परिवहन और बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर अधिसूचना को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उक्त फैसला सुनाया। मेसर्स प्रभात जर्दा फैक्ट्री इंडिया लिमिटेड सहित अन्य ने गत वर्ष 6 नवंबर को जारी उक्त अधिसूचना को चुनौती दी थी। अपने फैसले में खंडपीठ ने कहा है कि तंबाकू उत्पाद पर प्रतिबंध राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से बाहर है, इसलिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त का निर्णय क्षेत्राधिकार के बाहर है। अदालत याचिकाकर्ता के वकील प्रभात रंजन द्वारा पेश की गयी उस दलील कि सिगरेट और अन्य उत्पाद अधिनियम 2003 (कोटपा) एक विशेष और व्यापक कानून है जिसपर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 प्रभावी नहीं हो सकता से सहमत दिखा। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी एन शाही ने प्रतिबंध का समर्थन करते हुए कहा कि यह निर्णय जनहित में लिया गया था क्योंकि तंबाकू के साथ मिलाए जाने वाले उत्पाद खाद्य सामग्री है, इसलिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त को उसपर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एस डी संजय ने कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत राज्य सरकार को शक्ति प्रदान कर रखा है। इसलिए खाद्य सुरक्षा आयुक्त का गुटका और पान मसाला पर प्रतिबंध लगाया जनहित में उचित है।
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