Wednesday, June 22nd, 2016

 

डेयरी फामिंर्ग: लिखें तरक्की की इबारत

ग्रामीण भारत के कमजोर तबकों के आर्थिक विकास में डेयरी सेक्टर ने अहम भूमिका निभाई है। यह क्षेत्र डिग्रीधारी युवाओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अगर डेयरी फार्मिंग में मुकम्मल योजना के साथ जुड़ा जाए तो यह काफी फायदे का रोजगार है। बता रहे हैं संजीव कुमार सिंह एक समय ऐसा था, जब देश में लोग शौक के चलते पशुपालन के क्षेत्र में आते थे। लेकिन आज यह विकसित उद्योग का रूप ले चुका है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक संरचना तेजी से मजबूत हो रही है।Read More


हाईस्कूल के लिए दान देना चाहते हैं एक करोड़ की जमीन,अफसर नहीं करा रहे रजिस्ट्री

94 साल के संत की आखिरी इच्छा मांझा (गोपालगंज) : उम्र 94 वर्ष. शरीर लाचार. अब व्हीलचेयर सहारा है. शरीर को छोड़ कर कब सांस उड़ जाए, कहना मुश्किल है.  जीवन की अंतिम ख्वाहिश है कि उनकी जमीन में उत्क्रमित हाइस्कूल का भवन बन जाए. इलाके के बच्चे मैट्रिक तक की पढ़ाई यहां से करें. उन्हें पांच किमी दूर मांझा के माधवालाल हाइस्कूल पर आश्रित न होना पड़े. जमीन दान देने के लिए यह संत सीओ से लेकर शिक्षा विभाग के डीइओ, डीएम तक के जनता दरबार में आवेदन देकरRead More


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