Tuesday, June 7th, 2016
लोजपा के इस सांसद से बिहार शर्मशार, 15 साल पहले छत्तीसगढ़ में किया था किडनैप, सांसद बनने के बाद करना पड़ा सरेंडर,पुलिस ने लिया रिमांड पर
विशेष संवाददाता, दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पेट्रोल व्यावसायी के अपहरण कांड में 15 बरस बाद सांसद बनने के बाद कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने उसे आत्मसमर्पण के लिए एक माह का समय दिया था। 7 जून को यह अवधि पूरी होने वाली थी। आरोपी सांसद को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर दिया गया है। ज्ञात हो कि 29 मार्च 2001 को कुम्हारी के पेट्रोल पंप व्यवसायी जयचंद वैद्य का कुम्हारी व रायपुर के बीच अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में पुलिस ने बिहारRead More
बिहार में नजीर बन गया इस बार का पंचायत चुनाव
विनोद बंधु.पटना। बिहार में इस बार का पंचायती राज चुनाव नजीर बन गया। अपवादों को छोड़ दें तो न केवल यह चुनाव तनतनी या हिंसक झड़पों से दूर रहा, बल्कि सियासी दिग्गजों के सगे-संबंधियों और धनकुबेरों की दाल भी नहीं गली। पैसे लुटाने वालों को ज्यादातर जगहों पर मुंह की खानी पड़ी। और तो और जीत का जश्न भी जमकर मना या मनाया जा रहा है, लेकिन उन्माद से परे। ऐसे में एक मशहूर गीत याद आना लाजिमी है, सुन- सुन अरे बेटा सुन, इस चंपी में बड़े-बड़े गुण,Read More
मोदी के मंत्रिमंडल में बिहार कोटे के मंत्रियों प्रदर्शन सबसे खराब!
मोदी कैबिनेट से हटाए जा सकते हैं बिहार के कुछ मंत्री! नई दिल्ली। मोदी सरकार में लम्बे अरसे से कैबिनेट विस्तार के साथ-साथ मंत्रियों के फेरबदल को लेकर चला आ रहा इंतजार अब खत्म हो सकता है। इसी महीने के मध्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कैबिनेट में न सिर्फ नए चेहरों को शामिल कर सकते हैं, वही बिहार कोटे से मौजूदा मंत्रियों की संख्या को कम भी कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो मोदी कैबिनेट में सबसे बुरा प्रदर्शन कर रहे मंत्रियों में सबसे अव्वल बिहार कोटे केRead More
हत्या का बदला, जेल से छूटते ही आरोपी को गोलियों से भूना
पटना। विक्रम थाना क्षेत्र के मंझौली गांव के पास देर रात एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दरअसल मृतक सुनील कुमार दुल्हिन बाजार के डोरवां मठिया गांव का रहने वाला है। सुनील हत्या के आरोप में बेउर जेल में बंद था और जमानत मिलने के बाद बस से अपने घर दुल्हिनबाजार लौट रहा था। इसी दौरान मंझौली गांव के पास एक सूमो विक्टा गाड़ी पर सवार सात से आठ अपराधी बस को ओवरटेक करके रुकवा लिया और बस में घुसकर सुनील की गोली मार दी। सुनील कोRead More
पटना पुलिस के जवानों ने नहीं दिया था उन विद्रोहियों का साथ
7 जून 1857 की वह रात कमिश्नर विलियम टेलर के लिए इम्तिहान की रात थी। उसके सामने पटना में रहने वाले तमाम यूरोपियन आबादी की सुरक्षा का सवाल था। दानापुर के विद्रोही फौजी कभी भी शहर में प्रवेश कर सकते थे। टेलर ने पटना में रहने वाले यूरोपियनों में से अधिकांश लोगों को अपने आवास पर बुला लिया था और स्वयं मेजर नेशन और पटना पुलिस के सिपाहियों के साथ उनकी सुरक्षा में जुटा था। उस रात का जिक्र उसने अपनी रिपोर्ट ‘आवर क्राइसिस और थ्री मंथ्स एट पटना दुएरिंगRead More