बिहार में भूख से एक और मौत, कागज, प्लास्टिक बिनने वाला बीस दिन से था भूखा

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नालंदा। बिहार में कथित तौर एक जिंदगी फिर से भूख के सामने हार गई है। मृत व्यक्ति के बेटा ने कहा कि पापा बीस दिने से खाना नहीं खाए थे। वहीं, प्रशासन ने कहा है कि मौत बीमारी से हुई है। मिली जानकारी के अनुसरा नालंदा में भूख से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। राजगीर में 50 वर्षीय रामसूरत की मौत खाना न मिलने से हो गई। मृतक के 8 साल के बेटे छोटू के अनुसार उसके पिता कागज, बोतल और प्लास्टिक चुनने का काम करते थे। छोटू भी पिता के साथ प्लास्टिक चुनता था, इससे दोनों को दो जून की रोटी नसीब होती थी।छोटू ने बताया कि उसके पिता ने पिछले 20 दिनों से कुछ खाया नहीं था, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारी भी हरकत में आए हैं। इधर भाजपा एमएलसी विनोद नारायण झा ने इसे बिहार सरकार की विफलता कहा है। विनोद ने कहा कि केंद्र सरकार गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने का कार्यक्रम चला रही है, लेकिन राज्य सरकार की निष्क्रियता के चलते गरीबों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल रहा है और भूख से मौत हो रही है। यदि यह वाक्या सत्य है तो सरकार के लिए यह सोचनीय है कि आखिर खाद्य सुरक्षा का लाभ किसे मिल रहा है?






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