Wednesday, April 20th, 2016

 

मिट्टी और कचरे से पाट कर मार दिए गए जल पुरखे

गोपालगंज में 1397 कुएं रिकार्ड में, कभी बुझती थी प्यास ननद भौजाई का कुंआ भी अब कोई नहीं जानता! बिहार कथा. गोपालगंज। बात दो दशक पहले की है। जिले में कुओं का सर्वे कराया गया था। तब गांवों में 1397 कुएं मिले थे। इसी से लोगों की प्यास बुझती थी। गांवों के बाहर भी आठ हजार से अधिक कुएं थे। जिससे खेतों की सिंचाई होती थी। लेकिन गांवों में पीने से लेकर खेतों की सिंचाई की जरुरत पूरा करने वाले कुआं अब नहीं दिखते। संरक्षण के अभाव में कुएं अपनाRead More


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