सुशासन बाबू को भायी पीएम मोदी की ई-समीक्षा

nitish-birthday-meeting PM narendra modiबिहार और उप्र के डीएम, कमिश्नर को जब चाहें तब आॅनलाइन ले सकेंगे सीएम
बिहार कथा ब्यूरो. नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक विरोधियों को भी अब उनके कामकाज का स्टाइल भाने लगा है। दिल्ली में बैठकर देशभर की केंद्रीय परियोजनाओं की समीक्षा प्रधानमंत्री कैबिनेट सचिव के साथ मिलकर जिस तर्ज पर ई-समीक्षा के माध्यम से करते हैं, उसी तर्ज पर अब उत्तरप्रदेश और बिहार की सरकारों ने भी ई-समीक्षा पोर्टल शुरू करने की योजना बनाई है। राज्य की राजधानी में बैठकर जिलेवार कलेक्टर से योजना-परियोजना या किसी बड़ी घटना पर सीधे रूबरू होकर वस्तुस्थिति की जानकारी मुख्य सचिव लेंगे। मुख्यमंत्रियों के आवास पर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई है। बिहार के विभिन्न कोने से अधिकारियों को अब समय-समय पर पटना दौड़ नहीं लगानी होगी। वैसे ही सुदूर स्थित उप्र के जिलों से डीएम को हर छोटी-बड़ी बात की रिपोर्ट के लिए लखनऊ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जिले में डीएम ज्यादा समय रह पाएंगे। मुश्किलों का समाधान खोजने और चल रही परियोजनाओं पर ज्यादा कारगर तरीके से नजर रख सकेेंगे। उप्र के 18 डिविजनल कमिशनर और 75 डीएम को ई-समीक्षा पोर्टल से जोड़ा गया है। वैसे ही बिहार के सभी कमिश्नरी और डीएम कार्यालय को जोड़ा गया है। पीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारों की यह एक अच्छी मुहिम है। इससे केंद्रीय स्तर पर भी परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेज होगा। राज्य में डीएम, कमिश्नर अपेक्षाकृत कामों में गति लाएंगे। जवाबदेही तय होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र में प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद 2014 से ही ई-समीक्षा और प्रगति योजना के माध्यम से राज्यों से केंद्रीय परियोजनाओं की जानकारी लेते रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों को भी इस बात के लिए प्रेरित किया कि दिल्ली में बैठकर ही इलेक्ट्रोनिक संसाधनों का इस्तेमाल कर परियोजनाओं का शुभारंभ करें। इसका असर सबसे ज्यादा रेलमंत्रालय में देखने को मिला। ज्यादातर नई परियोजनाओं का शुभारंभ रेलमंत्री सुरेश प्रभु दिल्ली के रेलभवन में बैठकर ही किया। इससे न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि बड़े आयोजन के खर्च से भी बचा जा सका है। पीएमओ को उम्मीद है कि बिहार और उप्र के बाद अब बाकी राज्य भी इस ओर अग्रसर होंगे जिससे विकास की धारा को समय पर नापाजोखा जा सकेगा।






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