संतोषजनक जवाब देने में फेल हो रहे कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह!
कृषि मंत्री के पास हर सवाल का बस तीन रटे रटाए जवाब
बिहार कथा
नई दिल्ली। राज्यसभा में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को खेती-खलिहानी, सूखा, किसानों की आत्म हत्या आदि से जुड़े सवालों का जवाब देना था। मंत्री जी आए तो पूरी तैयारी से थे, लेकिन उनके पास हर साल का एक रटा-रटाया जवाब था। सदस्यों के सवाल पूछते ही वह किसानों की आय बढ़Þाने के लिए कृषि लागत घटाने, उत्पादन बढ़ाने, उचित मूल्य दिलाने के जवाब लेकर हाजिर थे। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने कृषि मंत्री के जवाब देने पर आपत्ति उठाई। उन्होंने सभापति से कहा कि मंत्री जी सीधा उत्तर देने के बजाय घुमा फिरा रहे हैं। नरेश अग्रवाल ने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया और कहा साल भर में 36 हजार किसान आत्महत्या कर रहे हैं।इसे दु:खद बताते हुए कृषि मंत्री प्रधानमंत्री कृषि जीवन बीमा योजना उल्लेख करने लगे। इसी तरह कांग्रेस के संजय सिंह ने किसानों के ऋण माफ करने से जुड़े सवाल पर उत्तर न मिल पाने के बाद सभापति से संरक्षण मांग लिया। जद(यू) के पवन वर्मा को न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुणा करने के सरकार के वादे पर दो बार सभापति के हस्तक्षेप करने और वर्मा के सवाल पूछने के बाद भी कृषि मंत्री उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाए। यही शिकायत कांग्रेस की रेणुका चौधरी की रही और उन्होंने शिकायत करते हुए कृषि मंत्री से केवल हां या ना में उत्तर मांगा।
किसानों की आय होगी दोगुनी : कृषि मंत्री ने यूपीए सरकार का हवाला देते हुए कहा कि एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किसानों की लागत का 1.5 गुना समर्थन मूल्य करना संभव नहीं है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय दो गुनी करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए हर किसान के खेत को पानी देने की योजना पर काम हो रहा है। इस मद में 12 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं और नाबार्ड को 20 हजार करोड़ दिए हैं। इसके साथ खेती में लागत कम करने के लिए जैविक खेती(कम लागत) को प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को स्वास्थ्य मृदा कार्ड दिए जा रहे हैं ताकि किसान जान सके कि उसे किस खेत में कितना यूरिया और कौन सी खाद कितनी मात्रा में देनी है। तीसरी योजना किसान को उसके उत्पादन का उचित मूल्य दिलाने की है। फसल कटने के बाद होने वाले नुकसान को कम करने की है।
देश 21 मंडियां हुईं ई-ट्रेडिंग से लैस?
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार की योजना मंडियों में सुधार करने की है। वर्तमान में आठ राज्यों की 21 मंडियों में डिजिटलाइजेशन चल प्रकिया के तहत प्रयोगशाला बन चुकी है। ई-ट्रेडिंग का काम हो रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि आठ राज्यों की 265 मंडियों में ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म के बाबत प्रस्ताव आए हैं। जबकि सरकार सभी 585 मंडियों में इसे लागू करने के पक्ष में है।
सूखा रोधी परीक्षण के लिए राज्यों से बात करेगी सरकार?
सरकार राज्यसभा सूखा रोधी परीक्षण के लिए राज्यों से बात करेगी। पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने इस मुद्दे को उठाया था। पवार ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था कि आईसीएआर के वैज्ञानिक अनुसंधान को राज्य परीक्षण के लिए अपनाने को तैयार हों। ताकि आने वाले समय में कम पानी में खेती को धार दी जा सके। कृषि मंत्री ने कहा कि वह सुझाव का आदर करते हैं। सिंह ने कहा कि इस बारे में राज्यों से चर्चा करके उन्हें परीक्षण के लिए तैयार होने हेतु तैयार करने का प्रयास करेंगे।
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