ओझा के कहने पर तीन महीने घर में कैद रहा पूरा परिवार
तांत्रिक ने कहा था- निकलोगे तो मरोगे
पड़ोसी समझते रहे कि परिवार कहीं बाहर गया है
पुलिस ने घर से निकालकर अस्पताल में कराया भर्ती
भागलपुर/जगदीशपुर। बिहार के भागलपुर में एक परिवार के दस सदस्य एक ओझा (तांत्रिक) के कहने पर घर में पिछले तीन महीने से कैद हो गए थे। पड़ोसियों को पहले लगा कि वे कही बाहर गए हुए हैं लेकिन जब पता चला कि वे अपने ही घर में कैद हैं तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने 8 अप्रैल की शाम सभी डॉक्टरों की टीम के साथ निकाला और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। तांत्रिक ने उन्हें कहा था कि घर से बाहर निकलोगे तो मौत हो जाएगी। सूचना के बाद जब पुलिस पहुंची तो वे दीवार फांदकर अंदर पहुंचे। पुलिस ने उन्हें दरवाजा खोलने के लिए कहा लेकिन घरवालों ने इनकार कर दिया। पुलिस ने जब बात की तो उन्होंने बताया कि तांत्रिक ने घर के आगे नाले में कील गाड़ दी है, अगर हम उसे लाघेंगे (पार करेंगे) तो सभी की मौत हो जाएगी।
थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार झा एवं एएसआई संजीव कुमार, बीके यादव ने परिवार को काफी समझाने की कोशिश की, मगर परिवार के लोग घर से बाहर आने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद देर शाम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी को घर से बाहर निकाला और हॉस्पिटल भेजा। पुलिस ने बताया कि परिवार के सभी को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। जांच में सबका ब्लड प्रेशर कम हो गया है और सभी शारीरिक रूप से कमजोर भी हो गए थे।
क्यों ली थी तांत्रिक की मदद
घरवालों ने बताया कि तीन महीने में उनकी एक गाय तीन बकरियां मर चुकी हैं। खेतों में आलू, बैगन, मक्का और आम के बागीचे पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने जब एक तांत्रिक से संपर्क किया तो उसने बुरी आत्मा की बात कहकर ऐसा करने को कहा।
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