बिहार में विधायकों पर उपहारों की बरसात

bihar_MLA with giftविधायकों को विभिन्न विभागों से मिले मोबाईल फोन, माईक्रोवेव ओवेन, सूटकेस जैसे महंगे तोहफे
बिहार कथा, पटना।
पटना। बिहार विधानमंडल के बजटीय सत्र के दौरान विभिन्न विभागों से दोनों सदनों के सदस्यों को महंगे तोहफे यथा मोबाइल फोन, माईक्रोवेव ओवेन, सूटकेस दिए जाने से प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार की आलोचना हो रही है। बिहार विधानमंडल में शिक्षा विभाग की ओर से दोनों सदनों के सदस्यों को उपहार स्वरूप माईक्रोवेव दिए गए। चाहे वह सत्ता पक्ष या विपक्ष हो बजट सत्र के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा विधायकों और विधान पार्षदों के बीच उपहार स्वरूप वितरित किए गए मंहगे ट्राली बैग को उन्हें खुशीपूर्वक खींचते हुए तथा माईक्रोवेव ओवेन, सूटकेस आदि को अपने-अपने वाहनों में रखते हुए देखा गया। शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी से उनके विभाग द्वारा सदन के सदस्यों को माईक्रोवेव दिए जाने के पीछे तर्क के बारे में पूछे जाने पर इस बाबत पूछे जाने पर उन्होेंने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि विधायकों को माईक्रोवेव अपने-अपने क्षेत्रों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच अपने घरों में उसे गर्म कर और चखकर करने के लिए दिया गया है। जब उनसे पूछा गया कि सरकार एक तरफ आर्थिक तंगी के कारण शिक्षकों को उनका वेतन समय पर नहीं दे पा रही है, ऐसे में विभाग द्वारा विधायकों और पार्षदों को उपहारस्वरूप माईक्रोवेव ओवेन दिया जाना कहां तक तर्कसंगत है, चौधरी ने कहा कि इस पर 25 से 30 से अधिक खर्च नहीं आता इसलिए इसे अन्य विषयों से जोडा जाना न्यायोचित नहीं है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पुरानी परंपरा है और विधायक आर्थिक रूप से उतने सामर्थ्यवान नहीं है, ऐसे में उन्हें माईक्रोवेव ओवेन दिये जाने से उनकी मदद होगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य समस्याओं से जूझने के बावजूद प्रदेश के 19 विभागों ने बिहार विधानमंडल बजट सत्र के दौरान विधायकों और विधान पार्षदों के बीच महंगे तोहफे यथा मोबाईल फोन, टेबलेट और घडियां बांटे थे, जो गत वर्ष 22 अप्रैल को समाप्त हुआ था। गत वर्ष विधायकों और विधान पार्षदों के बीच बांटे गए तोहफों में पथ निर्माण विभाग द्वारा दिया गया दस हजार रुपए का सैमसंग मोबाईल फोन, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिया गया टैबलेट, शिक्षा एवं पर्यटन विभाग द्वारा दी गयी मंहगी घडियां, उद्योग विभाग द्वारा साड़ी और शर्ट के साथ जूट का बैग शामिल था।






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