बिना वेतन काम कर रहे ढाई लाख मास्टर
मानवाधिकार आयोग ने स्मृति आयोग के मंत्रालय को भेजा नोटिस
बिहार कथा. पटना। बिहार में सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के लगभग ढाई लाख स्कूली शिक्षकों का वेतन भुगतान कथित तौर पर नहीं करने के बारे में मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को एक नोटिस भेजकर 21 अप्रैल तक जवाब मांगा है। बीएचआरसी के एक बयान के मुताबिक आयोग के सदस्य नीलमणि ने कहा कि शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं होने या इसमें देर होने से उनकी प्रेरणा पर प्रतिकूल असर पड़ा है जिससे योजना के उस उद्देश्य को नुकसान पहुंचा है जिसके लिए यह शुरू की गई थी। मंत्रालय से 21 अप्रैल तक अपना जवाब या टिप्पणी दाखिल करने को कहा गया है जब विषय सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले 19 फरवरी को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने एक नोटिस के जवाब में बीएचआरसी के बताया था कि वेतन में देर भारत सरकार द्वारा धन राशि कम किए जाने और इसे जारी करने में देर किए जाने के चलते हुई। राज्य परियोजना निदेशक ने कहा था कि इसने यह भी कहा है कि स्कूल शिक्षक वेतन नहीं पा रहे हैं क्योंकि भारत सरकार की ओर से राशि जारी करने में देर की गई या रकम घटा दी गई। हालांकि, यह दलील दी कि अब भारत सरकार ने दूसरी किश्त के रूप में 771 करोड़ रुपए जारी किए हैं और राज्य सरकार ने भी एसएसए के तहत 345 करोड़ रुपए के अपने अंशदान को मंजूरी दी है। आयोग ने इससे पहले राज्य परियोजना निदेशक, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, बिहार सरकार में शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया था।
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