घर के आगे लगाया बोर्ड, लिखा- अब यहां नहीं होता देह व्यापार
केके गौरव. पूर्णिया।
पूर्णिया पूर्व.पूर्णिया सिटी की रहने वाली नीलम जायसवाल घरेलू कुटीर के जरिए जीवन यापन चलाती हैं। वे घर को महकाने वाले गुलाब जल और फिनाइल बनाकर बेचती हैं। कभी कभी सिरका, अबीर और नील भी बना लेती हैं। उन्होंने अब तक 400 महिलाओं को स्वरोजगार की ट्रेनिंग दे चुकी हैं और रेड लाइट एरिया में फंसी लड़कियों के लिए संबल बनकर काम कर रही हैं। बदनाम गलियों में रहने वाली लड़कियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का जो काम सरकार या स्वयंसेवी संस्थाएं नहीं कर सकीं, वह नीलम ने सहजता से कर दिखाया है। वे पिछले कई वर्षों से उन लड़कियों को रेड लाइट एरिया से बाहर निकालने की मुहिम चला रही हैं, जो देह व्यापार के धंधे से जाने- अनजाने में जुड़ गई हैं। उसके पति राजेश जायसवाल इस मुहिम में सहयोग कर रहे हैं। नीलम को पहली कामयाबी तब मिली थी, जब सलमा उस मंडी से चलकर राज्य महिला आयोग पटना तक पहुंच गई। उसको भी यह रास्ता नीलम ने ही दिखाया था। तब से लेकर आज तक वह दो सौ से अधिक रेड लाइट से जुड़ी महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ चुकी हैं। गांधी को अपना आदर्श मानने वाली नीलम ने कहा कि समाज की अंतिम पंक्ति में रहने वाली महिलाओं का विकास किए बिना महिला -दिवस की सार्थकता नहीं होगी। दर्जनों रेड लाइट एरिया की महिलाएं अपना घर बसाकर सम्मानित जीवन जीना चाहती हैं, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना होगा।
कई परिवारों को मिली प्रेरणा
पिछले वर्ष भी कई परिवारों ने नीलम की प्रेरणा से इस धंधा को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुकी हैं और अपने घर के आगे बोर्ड लगा दिया है कि अब यहां पर देह व्यापार नहीं होता है। इन लोगों ने बिना किसी सरकारी मदद के बैंकों से कर्ज लेकर अपना व्यवसाय भी शुरू कर लिया है। इन लोगों को ऐसा करते देख वहां रहने वाले कई परिवारों ने भी अब अपना छोटा-छोटा धंधा करना शुरू कर दिया है।
सीएम नीतीश से मिल चुकी हैं दो बार
नीलम कहती हैं कि इंसान को पाप से नहीं पापियों से घृणा करनी चाहिए। नीलम कभी बहन बनकर कभी बेटी बनकर रेड लाइट एरिया की महिलाओं का हृदय परिवर्तन करती हैं। इन लोगों की समस्याओं को लेकर ए दो बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिल चुकी हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष से भी कई बार मिलकर रेड लाइट एरिया में रहने वाली महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही तत्कालीन पूर्णिया के जिलाधिकारी एम श्रीधर चेरेवेलु ने गुलाबबाग के रेड लाइट आकर उन लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ देने की बात कही थी।
समाज सेवा का है जुनून
नीलम से असहाय-निर्धन महिलाओं की तकलीफ सही नहीं जाती। उन्होंने कई बार आर्थिक मदद कर महिलाओं को मदद संकट से उबार चुकी हैं। पिछले तीन सालों से रेडलाइट घरों से मजबूर लड़कियों को निकाल कर न सिर्फ उनको स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया है, बल्कि उन्हें अपने पैरों पर भी खड़ा किया है।
Related News
मणिपुर : शासन सरकार का, ऑर्डर अलगावादियों का
(नोट : यह ग्राउंड रिपोर्टिंग संजय स्वदेश ने 2009 में मणिपुर में इंफाल, ईस्ट इम्फालRead More
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां
सत्यजीत राय की फिल्मों में स्त्रियां सुलोचना वर्मा (फेसबुक से साभार) आज महान फिल्मकार सत्यजीतRead More
Comments are Closed