सीवान, गोपालगंज में रंगदारी के डर से डॉक्टरों ने मांगा हथियार का लाइसेंस
बिहार में डेढ़ सौ डॉक्टरों को चाहिए शस्त्र लाइसेंस
बिहार कथा. गोपालगंज/सिवाना/पटना.
सूबे में डेढ़ सौ डॉक्टरों ने जान को खतरा बताकर शस्त्र लाइसेंस की मांग की है। इसमें सबसे अधिक तीन जिलों मधेपुरा, सुपौल और सहरसा के 50 डॉक्टरों ने आवेदन किया है। सीवान और गोपालगंज में अलग-अलग चार डॉक्टरों से रंगदारी और मारपीट होने की घटना बताई गई है। इसलिए उन्हें बंदूक का लाइसेंस चाहिए। पिछले पांच माह में 15 डॉक्टरों के साथ हुई घटना के बाद आईएमए ने भी उन्हें शस्त्र लाइसेंस देने का आग्रह किया है। आईएमए पदाधिकारियों के अनुसार अररिया, खगडिया, पटना, कटिहार, सीवान, गोपालगंज, मोतीहारी, हाजीपुर और गया जिलों के डेढ़ सौ डॉक्टरों ने संबंधित जिलाधिकारियों के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
आईएमए द्वारा डीजीपी को दिए पत्र के अनुसार 30 सितंबर 2015 को अररिया जिले के नरपतगंज पीएचसी में तैनात डॉं. योगेंद्र प्रसाद सिंह से रंगदारी मांगी गई। बाद में उनके साथ मारपीट भी की गई। यह मामला शांत नहीं हुआ था कि 14 अक्टूबर को खगडिया के मील रोड में डॉ. आनंद कुमार सुललानिया के साथ मारपीट की गई। दूसरे दिन डॉक्टर ने एफआईआर कराई। नवंबर 2015 में पटना, कटिहार, सीवान और गोपालगंज में अलग-अलग चार डॉक्टरों से रंगदारी और मारपीट होने की घटना बताई गई है। आईएमए ने कहा है कि कुछ डॉक्टरों को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है लेकिन घटनाओं को देखते हुए अब उन्हें शस्त्र लाइसेंस की जरूरत पड़ गई है।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद कुमार ने बताया कि डॉंक्टरों से रंगदारी मांगने और मारपीट की घटनाएं थम नहीं रही हैं। कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और डीजीपी से कहा गया, लेकिन सार्थक कदम नहीं उठाया गया। भय और दहशत में डॉक्टर काम नहीं कर सकते।
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