ज्ञानेश्वर
सृष्टि जैन मर्डर केस की तफ्तीश आगे बढ़ी है । बिलकुल मेरे रस्ते है । आगे ‘लव लाइफ-सेक्स लाइफ’ में हम ‘लव लाइफ’ शब्द को अलग कर देंगे । आगे बढ़ने के पहले फटाफट अपडेट यह है कि सृष्टि जैन के परिजन पटना पहुंचे । दाह-संस्कार पटना में कर दिया । पुलिस हत्यारे के रुप में चिह्नित रजनीश और सहयोगी राहुल को गिरफ्तार नहीं कर पाई है । राहुल के बारे में आ रही खबर (पुष्टि की प्रक्रिया में) है कि वह पहले से वैशाली में अपहरण का आरोपी रहा है । जमानत पर था । अपह्त का पता अभी ठीक से नहीं है । किडनी कारोबार से जुड़ा मामला कहा जा रहा है । बहस संभव है कि रजनीश के पास पिस्टल का लाइसेंस था,तो मिला कैसे ? फिर से कह दें कि सृष्टि जैन की हत्या पहले से तय नहीं थी । हालात पटना में बने । रजनीश के सनकीपन को लेकर भी कई तरीके का इनपुट है ।
आगे उन सवालों के जवाब से ही सृष्टि जैन मर्डर केस की मिस्ट्री सुलझ रही है,जो घटना के तुरंत बाद हमने आप सबों के सामने रखे थे । अपनी तफ्तीश भी बराबर से चलती रही । मर्डर के तीसरे दिन कह सकता हूं कि सृष्टि जैन का ‘लव लाइफ’ तो कहीं नहीं था । वह पहले से तलाकशुदा थी । रिश्ता बहुत कम दिनों तक चला था । पुलिस ने सृष्टि के मोबाइल से शादी वाली तस्वीर खंगाली है । लेकिन मेमोरी चिप्स में कुछ एेसे वीडियो भी दिखे हैं,जो सृष्टि जैन ‘लड़की ठीक नहीं’ कहने को काफी है । इंदौर से सृष्टि जैन का पार्थिव शरीर लेने आए परिजन कुछ भी कहें,सबूत साथ नहीं दे रहे । शादी डाट कॉम की बात बेमानी है । कह सकते हैं कि सृष्टि के लिए यह प्लेटफार्म दूसरे कारणों की पूर्ति का माध्यम था । शादी का रिश्ता तय करने आई लड़की मुलाकात की पहली रात लड़के के कमरे में नहीं गुजार देती है । होटल के वेटर ने रजनीश के कमरे में सृष्टि के होने की बात पुष्ट कर दी है । यह पुष्टि रजनीश और सृष्टि की पहचान पुरानी होने की गवाही देते हैं । वैसे भी विमान का टिकट देकर कोई यूं ही किसी को नहीं बुलाता । फिर आपको तो पता ही होगा कि रिसेप्शन पर रुपयों को लेकर रजनीश और सृष्टि में झंझट हुआ था । ‘मनी मशीन’ बनी सृष्टि के पर्दे अभी आगे और खुलते हैं ।
और नये खुलासे के पहले थोड़ा फ्लैशबैक जरुरी है । 23 जनवरी को सृष्टि जैन पटना आई । होटल में रजनीश और राहुल ने पहले कमरा लिया । फिर सृष्टि के लिए कमरा बुक हुआ । सभी रात को होटल में ही ठहरे । सृष्टि जैन रजनीश के कमरे में भी सोती हुई नोटिस की गई । 24 जनवरी को सबों ने चेक आउट किया । अब तक पैसे के लेन-देन के सिवाय कोई विवाद नहीं था । बाद में टिकट कंफर्म न होने की जानकारी देकर सृष्टि होटल वापस आ गई । दूसरा कमरा मिला । अब रजनीश और राहुल होटल में नहीं ठहरे । फिर 25 जनवरी को होटल से पटना जंक्शन जाते वक्त टेम्पो में सृष्टि जैन की हत्या कर दी गई । स्पष्ट आरोप रजनीश और राहुल पर है,जो पहले भी पिस्टल के साथ दिखे थे ।
रुपयों का कैसा झगड़ा,रजनीश के पकड़े जाने के बाद खुलेगा । पर सवाल है कि हत्या जब पूर्व नियोजित नहीं थी,तो 24 जनवरी को सृष्टि जैन के होटल में फिर से चेक इन करने के बाद ऐसा क्या हुआ कि 25 जनवरी को मर्डर ही कर दिया गया । इसके जवाब की ओर अभी बस संकेत मिले हैं । ये संकेत सृष्टि जैन को ‘लड़की ठीक नहीं’ फिर से प्रमाणित कर रहे हैं । थर्ड इंट्री के बाद पैदा सनकीपन को भी इंगित कर रहा है । अब समझिए 24 जनवरी के दिन के घटनाक्रम को । हमने पहले दिन कहा था कि लड़की होटल से कहीं बाहर गई,तो वापसी पर कोई पोलीबैग तो नहीं था,जांच को बड़ी दिशा देंगे । सचमुच,जांच को नई दिशा मिली भी ।
आपको शायद पता होगा कि सृष्टि जैन के पास से बिलकुल नया मोबाइल भी मिला था । इसे पटना के डाकबंगला रोड में हरि निवास से खरीदा गया था । आगे होटल के सीसीटीवी फुटेज ने फिर से बढ़ती कहानी को कंफर्म किया । याद रखें,24 जनवरी को होटल में वापसी के बाद सृष्टि जैन अकेली थी । पटना बुलाने वाला रजनीश अब होटल में नहीं था । लेकिन ‘लड़की ठीक नहीं’ सृष्टि जैन को होटल में अकेलापन कहां मंजूर था । वह तो ‘फांसने’ की कला जानती थी । अकेलेपन को दूर करने और नया फांसने के ध्येय से वह दोपहर दो बजे के करीब होटल के रिसेप्शन पर आई । तब रिसेप्शन पर बैठे थे होटल स्टाफ गुप्ता जी । कई बच्चों के बाप हैं । सामने सोफे पर होटल के दूसरे गेस्ट सुरेश रेड्डी थे,जो 12 जनवरी से ही ठहरे थे । बंगलोर के रेड्डी की होटल बुकिंग 29 जनवरी तक है । अब भी होटल में हैं । पेशे से आडिटर हैं और अपनी कंपनी के इंटरनल आडिट को पहली बार बिहार आए थे । जवान हैं,साथ में अविवाहित भी ।
‘लड़की ठीक नहीं’ सृष्टि जैन रेड्डी को टारगेट कर चुकी थी । पर वह अपने शरीर के कई बाहरी-भीतरी पार्ट पर बने टैटू को दिखा रही थी गुप्ता जी को । बेचारे गुप्ता जी देखकर भी क्या करते । रेड्डी ने जब टैटू प्रदर्शन पर भी नोटिस नहीं ली,तो वह अब सीधे जाकर टकरा गई । बातचीत का रास्ता खोला । मोबाइल का बहाना तलाशा । कहा,नया मोबाइल लेना है,कहां मिल सकता है । हिन्दी कम समझने वाले रेड्डी को सृष्टि जैन अंग्रेजी में दिए जा रही थी । रेड्डी को पटना का बहुत पता नहीं था,पर सृष्टि कुछ जानती दिख रही थी । बातों में सृष्टि ने जवां रेड्डी को फांस लिया । आटो रिजर्व कर दोनों डाकबंगला पहुंचे । हरिनिवास तक जाने से टेम्पो चालक ने मना कर दिया । अधिक पैसा मांगने पर टेम्पो चालक से मोल-जोल सृष्टि ने ही किया । फिर दोनों पैदल हरिनिवास पहुंचे ।
सृष्टि ने कोई आठ हजार रुपये का मोबाइल खरीदा । रेड्डी कह रहे हैं कि सृष्टि का दिया पैसा उन्होंने दिया । पर हरिनिवास में अपनी तफ्तीश कहती है कि पैसा रेड्डी ने दिया था । इस बहस में यह जानना भी आवश्यक है कि मोबाइल की रसीद रेड्डी के नाम से ही तैयार हुई । इसके बाद भी दोनों वापस होटल नहीं गए । डाकबंगला आए और टेम्पो पर बैठ गांधी मैदान चले गए । फिर रिजेंट सिनेमा । प्लान ‘एयरलिफ्ट’ फिल्म देखने का बन चुका था । लेकिन सारे टिकट सोल्ड आउट थे । इसके बाद भी सृष्टि होटल वापस आने को तैयार नहीं थी ।
सुरेश रेड्डी को फांस चुकी ‘लड़की ठीक नहीं’ सृष्टि जैन अब साथ पैदल चल डाकबंगला चौराहे पर स्थित ‘द सेंट्रल’ मॉल में पहुंच गई । कुछ खरीदारी की । फिर मॉल में ही रेड्डी को अपने साथ सृष्टि ने ‘सेल्फी’ में कैद कर लिया । ध्यान रखिएगा,हमने आपको पहले बताया है कि सृष्टि के पुराने वाले मोबाइल फोन के चिप्स में ऐसे कई वीडियो पहले के बने मिले हैं,जिसने ‘लड़की ठीक नहीं’ के रुप में सृष्टि जैन की पहचान कराई है । पुलिस अपने तरीके से इस वीडियो को खोल सकती है/नहीं भी खोल सकती है ।
रात होने के बाद अब भी सृष्टि वापस होटल जाने को तैयार नहीं हुई । सुरेश रेड्डी को लेकर वह फिर से रिजेंट सिनेमा पहुंच गई । रात नौ से बारह का शो दोनों ने साथ देखा । इस बीच होटल से रेड्डी के पास फोन भी आया । सिनेमा देख लौटते हैं,का जवाब दिया गया था । सिनेमा के बाद दोनों ने फास्ट फूड चेन में बर्गर खाया । पेमेंट रेड्डी ने ही किया । इसके बाद फिर से रिजर्व आटो से रात को एक बजे के करीब दोनों होटल पहुंचे । अधिक रुपया मांगने पर टेम्पो वाले को होटल स्टाफ ने सलटाया ।
हां,रेड्डी और सृष्टि के इन आठ-नौ घंटों के साथ में सृष्टि का फोन कई बार बजा था । पर सृष्टि ‘और कोई सुन न ले’ की आवाज में बात करती थी । कुछ फोन उसने काटे थे । अब यहां सवाल फिर से पैदा होता है कि आ रहे/काटे जा रहे फोन किसके थे । कहीं दूसरे संग मतलब रेड्डी के साथ सृष्टि के चले जाने का पता तो रजनीश को नहीं चल गया था,जो रुपये के पहले झगड़े से खार खाए बैठा ही था । अब मौज की नई कहानी ने उसे और सनकी बना दिया । आगे 25 जनवरी को सृष्टि की हत्या होती है । अपनी तफ्तीश फिर कहती है कि यह हत्या पहले से तय नहीं थी । सृष्टि काे पटना में लैंड कराने और फिर से दोबारा होटल में चेक इन कराने के बाद ही मर्डर का प्लान बना । आज के खुलासे को अभी यहीं रोकते हैं,आगे का और राज बाद में बतायेंगे । from https://sampoornakranti.wordpress.com
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