बिहार में रौब झाड़ने के लिए नहीं मिलेंगे बॉडीगार्ड
पटना,खतरा बताकर स्टेटस सिंबल के लिए अब अंगरक्षक नहीं मिलेंगे। पुलिस मुख्यालय जल्द ही अंगरक्षक दिए जाने के मामले की समीक्षा करेगा। खतरे का आकलन करने के बाद निर्णय होगा कि अंगरक्षक वाकई जरूरी हैं या फिर उन्हें स्टेटस सिंबल के लिए रखा गया है। जरूरत पड़ने पर अंगरक्षक हटाए व बढ़ाए भी जा सकते हैं। समीक्षा के लिए जिलों से उन लोगों की सूची मांगी गई है जिन्हें अंगरक्षक दिए गए हैं। सूची में अंगरक्षक कब से और किस वजह से दिए गए हैं, इसकी भी जानकारी देनी होगी। आला अधिकारी इसकी समीक्षा करेंगे कि वाकई जिस शख्स को अंगरक्षक दिया गया है, उसे जरूरत है या नहीं। यदि जरूरत नहीं होगी तो अंगरक्षक वापस लेने का आदेश दिया जाएगा। वहीं संबंधित व्यक्ति पर यदि खतरा होगा तो उसकी सुरक्षा में अंगरक्षक तैनात रहेंगे। इसके अलावा जिन लोगों ने अंगरक्षक लेने के लिए आवेदन दे रखा है, उन्हें वास्तव में जरूरत है या नहीं इसकी भी समीक्षा होगी। जरूरत के मुताबिक लोगों को अंगरक्षक मुहैया कराने का आदेश दिया जा सकता है। सांसद व विधायक के साथ वैसे नेताओं की सुरक्षा का भी आकलन होगा, जिन्हें अंगरक्षक मिले हैं। सांसदों व विधायकों को कम से कम तीन अंगरक्षक देने का नियम है। हालांकि कई नेता ऐसे हैं, जिन्हें इससे ज्यादा सुरक्षा मिली है। समीक्षा के दौरान यह देखा जाएगा कि अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत इन्हें है या नहीं। यदि नहीं तो तीन अंगरक्षकों को छोड़कर बाकी को वापस किया जा सकता है। वहीं जिनपर खतरा ज्यादा होगा उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा दी जाएगी। from livehindustan.com
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