पंचायत चुनाव में आरक्षण 2011 की जनगणना पर
पटना। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2016 के लिए पंचायतों का आरक्षण निर्धारित करने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 में वर्ष 2009 में किए गए संशोधन के अनुसार आरक्षण में चक्रानुक्रम का सिद्धांत दो क्रमिक आम चुनाव के बाद लागू किया जाना है। आयोग ने जारी निर्देश में सभी जिलों के जिला दंडाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, (पंचायत) को कहा कि जिला स्तर पर कैंप लगाकर वरीय पदाधिकारियों की देखरेख में आरक्षण प्रस्ताव तैयार किए जाएं। ताकि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी बिना किसी दबाव में समय पर आरक्षण प्रस्ताव तैयार कर सकें।
आरक्षण प्रस्ताव तैयार करने में गड़बड़ी करने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ आयोग द्वारा कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयोग चार से 29 जनवरी तक आयोग आरक्षण प्रस्तावों का अनुमोदन करेगा। आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन ने जारी निर्देश में कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया निर्धारित की जाए। प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रवार जनसंख्या का अंतिम प्रकाशन सभी जिलों में पूर्व में किया जा चुका है। बिहार पंचायत राज अधिनियम,2006 के तहत ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम पंचायत के मुखिया, पंचायत समिति के सदस्य, पंचायत समिति के प्रमुख, जिला परिषद के सदस्य, जिला परिषद अध्यक्ष, ग्राम कचहरी के पंच एवं सरपंच के पदों के लिए चुनाव होना है। इन पदों के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग तथा उक्त कोटि की महिलाओं एवं अनारक्षित श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षण के प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी के लिए स्थानों के आरक्षण के बाद शेष बचे स्थानों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कुल स्थानों के बीस प्रतिशत के निकटतम होगी तथा एससी-एसटी एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कुल मिलाकर 50% की अधिसीमा के अंदर होगी। इन स्थानों को तय प्रक्रिया के तहत जिला दंडाधिकारी द्वारा शेष निर्वाचन क्षेत्रों को आवंटित किया जाएगा।
चुनाव की तैयारियों के लिए 175 करोड़ का प्रावधान
पटना। गुरुवार को पंचायतीराज विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार राकेश ने सूचना भवन स्थित संवाद कक्ष में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। राज्य सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में चुनाव की तैयारियों के लिए 175 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, अगले वित्तीय वर्ष में आवश्यक राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों के वर्तमान आरक्षण में परिवर्तन होगा। पंचायत आरक्षण का क्रम चक्रानुक्रम के अनुसार परिवर्तित होगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मांगी गई स्वीकृति के क्रम में पंचायती राज विभाग ने विधि विभाग व महाधिवक्ता की राय प्राप्त की है। जल्द ही राज्य सरकार की सहमति प्राप्त कर इस संबंध में आयोग को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में आरक्षण का कोटा यथावत रहेगा। सिर्फ स्थानीय आबादी के अनुसार पंचायतों के आरक्षण के क्रम में परिवर्तन होगा।
विभागीय मंत्री कपिलदेव कामत ने कहा कि हर पंचायत में डाटा इंट्री आॅपरेटर सह लेखापाल की नियुक्ति की जाएगी। इसके अतिरिक्त 10 पंचायतों पर एक जूनियर इंजीनियर की बहाली होगी। विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार राकेश ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों के विकास के लिए 210 अरब 17 करोड़ 83 लाख रुपए बुनियादी अनुदान के रुप में प्राप्त होना है।
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