एनडीए की हार और महागठबंधन की जीत को ऐसे समझें

Lalu and Nitish after Bihar poll verdictsनई दिल्ली/पटना: बिहार के पॉलिटिकल पिच पर 25 साल बाद एक साथ उतरे लालू-नीतीश की रिवर्स स्विंग ने टीम मोदी को बोल्ड कर दिया। रविवार को आए नतीजों में महागठबंधन को शाम साढ़े तीन बजे तक 177 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, एनडीए का रथ 60 सीटों से भी कम पर ठहरते दिखा। जनादेश से मिला मैसेज साफ है। बिहार की जनता का नीतीश पर भरोसा कायम है और उसने लालू को फिर से अपना लिया है।
मोदी- ब्रांड मोदी अब कमजोर।
लालू-नीतीश- मुस्लिम-यादव फैक्टर काम कर गया।
मोदी- विकास का नारा काम नहीं आया।
लालू-नीतीश- बिहारी बनाम बाहरी का मुद्दा काम कर गया।
मोदी- आरएसएस चीफ मोहन भागवत का रिजर्वेशन पॉलिसी का रिव्यू करने से जुड़ा बयान खिलाफ गया।
लालू-नीतीश- भागवत के बयान से बीजेपी बैकफुट पर आ गई। लालू-नीतीश को फायदा मिला।
मोदी- बीजेपी के बाकी साथी एनडीए को ज्यादा सीटें नहीं दिला पाए।
लालू-नीतीश- 25 साल लालू-नीतीश साथ लड़े। दोनों की अपील कारगर रही।

बीजेपी-जेडीयू की लड़ाई में फायदा आरजेडी को हुआ, जानिए कैसे?
– 2010 के चुनाव में बीजेपी-जेडीयू एकसाथ थे। बीजेपी ने 91 और जेडीयू ने 115 सीटें जीती थीं। आरजेडी तब 22 ही सीटें जीत पाई थी।
– 2015 में बीजेपी-जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा। जेडीयू को 100 से कम सीटें मिलीं। और तो और वह आरजेडी से कम सीटें ला पाई। जबकि इससे पहले हर चुनाव में जेडीयू की सीटें बढ़ÞÞती रही। 2000 में जेडीयू ने 21, 2005 फरवरी में 55, 2005 अक्टूबर में 88 और 2010 में 115 सीटें जीती थीं।
– बीजेपी-जेडीयू के अलग होने का सबसे बड़ा फायदा आरजेडी को हुआ। वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जबकि लालू की तरफ से पहली बार कोई सीएम कैंडिडेट नहीं था। इसके बावजूद, आरजेडी ने 15 साल बाद इतनी बड़ी जीत हासिल की। ऐसा इसलिए क्योंकि नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी है। इससे पहले, 2000 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी को 124 सीटें मिली थीं।

इस चुनाव में क्या हुआ पहली बार?
– 25 साल बाद नीतीश-लालू साथ
-नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ने 1990 के बाद पहली बार मिलकर चुनाव लड़ा। 25 साल पहले दोनों नेताओं ने एक साथ चुनाव लड़ा था। नीतीश ने 1993 में जनता दल से अलग होकर समता पार्टी बना ली थी। 1997 में लालू ने राजद का गठन किया।
-सीएम के खिलाफ पीएम, पार्टी तीसरे नंबर पर, फिर भी वोट शेयर में आगे
-बिहार के विधानसभा चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ, जब मौजूदा सीएम के खिलाफ पीएम मैदान में थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐसा हो चुका है जब केजरीवाल के खिलाफ मोदी ने प्रचार की कमान खुद संभाली थी। नतीजों में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी रही। फिर भी वोट के शेयर के मामले में वह सबसे आगे रही। उसे 25% वोट मिले। जबकि सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली आरजेडी को 18% वोट मिले।

चुनाव नतीजों के बाद तीन बड़े बयान
– आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा- बिहार में नीतीश जी सरकार चलाएंगे और मैं देश भर से मोदी जी और भाजपा को उखाड़ फेंकने का काम करूंगा।
– बिहार के पांचवीं बार सीएम बनने जा रहे नीतीश कुमार ने कहा-ए बिहार के स्वाभिमान की जीत है। जो बता रहे थे कि ए कांटे की टक्कर है,उन्हें जवाब जनता ने दे दिया है।
– पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके नीतीश कुमार को बधाई दी।

आगे कहां होंगे चुनाव?
-दो साल में 10 राज्यों में चुनाव हैं। पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु में 2016 में चुनाव होंगे।
-यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड में 2017 में चुनाव होंगे।

क्या होगा इन नेताओं का भविष्य?
नरेंद्र मोदी: ब्रांड मोदी कमजोर होगा, विकास के नारे से आगे सोचना होगा।
नीतीश कुमार : ह्यबिहार यानी नीतीशह्य का मैसेज देंगे, नमो विरोधियों की धुरी रहेंगे।
लालू प्रसाद: आरजेडी में नई जान फूंकेंगे, विरासत भी परिवार में रहेगी।
अमित शाह: 2006 में दोबारा से पार्टी चीफ बनने पर सस्पेंस रहेगा।
राहुल गांधी: सीट बढ़ÞÞी, लेकिन जीत का फायदा नहीं ले जाएंगे।
जीतन राम मांझी: महादलित नेता इमेज अब एनडीए में नहीं भुनाएंगे।

from bhaskar.com






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com