‘बाहुबलियों’ की में शांति चुनावी नारा है

mokama railway statonआनंद मिश्रा.मोकामा। बिहार में जारी विधानसभा चुनाव के दौरान ‘बाहुबलियों’ की भूमि मोकामा में शांति चुनावी नारा है और आपराधिक पृष्ठभूमि वालों समेत सभी उम्मीदवार इलाके में कानून व्यवस्था कायम रखने का वादा कर रहे हैं। मोकामा बाजार में पुलिस थाने के सामने, डॉन से राजनेता बने और विधायक अनंत सिंह का एक पोस्टर लगा हुआ है जिस पर लिखा है, ‘‘ शांति, विकास व भाईचारा, यही है छोटे सरकार का नारा।’’ ‘बाहुबली’ और पूर्व सांसद सूरजभान के छोटे भाई एवं राजग के उम्मीदवार कन्हैया सिंह का नारा है, ‘‘ मोकामा में शांति हमने लाई है, इसके लिए हमने जान की बाजी लगाई है।’’ कन्हैया सिंह लोजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। इलाके में रॉबिन हुड समझे जाने वाले अनंत ने एक यादव युवक की हत्या के कारण पैदा हुए राजनीतिक विवाद के बाद जद:यू: से इस्तीफा दे दिया था। इस मामले में उनके निकटवर्ती सहयोगियों को जेल हुई थी। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने उन पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधा था और अनंत को अंतत: एक बिल्डर के अपहरण के मामले में जेल भेज दिया गया था। लोगों में ‘छोटे सरकार’ के नाम के पहचाने जाने वाले अनंत सलाखों के पीछे से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे है। क्षेत्र में सहानूभुति की लहर पैदा करने के लिए अनंत को सलाखों के पीछे दिखाने वाले पर्चे बांटे जा रहे हैं और उनकी पत्नी नीलम देवी गांवों में जा- जाकर यह बता रही हैं कि नीतीश सरकार के लिए ‘‘इतना कुछ’’ करने के बावजूद उन्हें ‘‘पीड़ित’’ किया गया। विधान परिषद के सदस्य और जद:यू: प्रवक्ता नीरज कुमार महागठबंधन के उम्मीदवार है और उनका नारा है, ‘‘ कलम और बंदूक की जंग, आप रहेंगे किसके संग।’’ हालांकि नीरज कुमार की छवि सभ्य नेता की है लेकिन उनके विरोधियों का कहना है कि उन्होंने इलाके के लिए काम नहीं किया और मतदाता उनसे जुड़ाव महसूस नहीं करते हैं। जनाधिकार पार्टी से ललन सिंह भी इस क्षेत्र से चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। पटना जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में से एक मोकामा में 28 अक्तूबर को चुनाव होगा। खासकर पिछले तीन दशकों में इस इलाके का प्रतिनिधित्व कोई ‘बाहुबली’ करता रहा है।






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com