विधानसभा क्षेत्रों में मंडराने लगे हैं वोट के सौदागर

biharelectionsसंजय सिंह.बांका. बांका जिले की पांचों सीटों के लिए मतदान में छह दिन शेष रह गया है। ऐसे में वोट के सौदागर प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय तक पहुंचने लगे हैं। सभी अपने-अपने तरीके से प्रत्याशियों व उनके समर्थकों को वोट के समीकरण का गणित समझाने के प्रयास में लगे हैं। वोट के ऐसे सौदागर एक पार्टी के चुनाव कार्यालय में ग्रुप में बंटकर जाते हैं। एक ग्रुप में तीन से चार लोग रहते हैं। एक के द्वारा चुनाव की चर्चा छेड़े जाने के साथ ही दूसरा, तीसरा एवं चौथे लोग भी चुनाव की चर्चा में मशगूल होकर पहले वाले सौदागार की बातों पर हां में हां मिलाने का काम करते हैं। बस वहीं से वोट के सौदागर अपना पासा फेंकते हैं। फिर तो पार्टी के चुनाव कार्यालय के प्रभारी उन्हें चाय व नाश्ता कराते हैं। फिर उन्हें प्रत्याशी से मुलाकात कराकर सारी बातें कराते हुए सौदेबाजी करते हैं। ऐसा नहीं कि प्रत्याशी वोट के इन सौदागरों को नहीं पहचानते हैं। बावजूद चुनाव के माहौल में प्रत्याशी कुछ नहीं बोलते।

बांका विधानसभा क्षेत्र के लिए खड़े एक दलीय प्रत्याशी जिनके नेताओं द्वारा राज्य में सरकार बनाने का दंभ भर रहे हैं। उनके चुनाव कार्यालय में एक खास जाति के वोट के सौदागार पूरी तरह से लगे रहते हैं। इसी विधानसभा क्षेत्र के एक अन्य दलीय प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय में तो एक विशेष जाति के लोग इस कदर चिपके रहते हैं कि सुबह-शाम उनके कार्यालय में लोगों की भीड़ लगी रहती है।

इसी प्रकार का हाल अमरपुर विधानसभा क्षेत्र का है। यहां एक प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय में क्रीचवाले वोट के सौदागरों की लंबी फौज है। जो अपने-अपने तरीकों से प्रत्याशी व उनके समर्थकों को चुनाव के बारे में बताते हैं। अपने गांव का शत प्रतिशत वोट उन्हें कैसे मिले इस पर वे प्रत्याशी को अपना तर्क देते हैं। फिर तो प्रत्याशी उन्हें अपने नजदीकी कार्यकर्ताओं से कहकर साइड में ले जाकर बात करने का हिंट देते हैं।
कटोरिया में महागठबंधन एवं एनडीए की प्रत्याशी महिला हैं। एक अपने ससुर के राजनीति के बलबूते एवं एनडीए के समीकरण के आधार पर चुनाव मैदान में है तो दूसरा अपने दल के समीकरण एवं सांसद के भरोसे चुनाव की वैतरणी पार करने की फिराक में हैं। बावजूद इन दोनों प्रत्याशी एवं उनके पति को वोट के सौदागर अभी से घेर कर रखते हैं। वोट के ऐसे सौदागरों को दोनों महिला प्रत्याशी उनके पति से बात कर लेने का निर्देश देते हैं। बेलहर व धोरैया में भी वोट के सौदागर अधिक सक्रिय हैं। इन दोनों क्षेत्रों के सौदागर यह अच्छी तरह से जानते हैं कि चुनाव में इन्हीं दोनों क्षेत्र के प्रत्याशी वोट पाने के लिए मनमानी राशि दे सकते हैं। इन दोनों क्षेत्र के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव भी प्राप्त है।






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com