पटना की हाशिए की आबादी को अभी भी बुनियादी सुविधाओं का इंतजार
कुणाल दत्त.पटना।
पटना का पश्चिमी हिस्सा गांव की तरह है जहां पर लोग न्यू पाटलीपुत्र रेलवे स्टेशन के ठीक बगल में रहते हैं लेकिन ऐसा लगता है कि बिहार की विकास गाथा उनसे अछूती रहकर गुजर गयी। दो दशकों से ज्यादा समय से विस्थापित और बिना किसी सुविधा के रह रहे हिंदू और मुसलमानों के करीब 500 परिवार ने हर बार वोट मांगने वाले नेताओं का तिरस्कार ही झेला है क्योंकि हर दिन उन्हें पानी की कमी से लेकर साफ-सफाई तक की तमाम दुश्वारियों को झेलना पड़ता है। पटना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान बुधवार को है और चुनावी मुकाबला पूरे शबाब पर है लेकिन तसलाल वर्मा नगर की आबादी में, ना तो पहले भी कई बार मतदान कर चुके लोगों और ना पहली बार वोट देने जा रहे युवाओं में बिहार चुनाव को लेकर कोई उत्साह है। लोगों के लिए जिंदगी की बहुत सारी जद्दोजहद हैं, खासकर महिलाओं को पानी लाने के लिए खासी दूरी तय करनी पड़ती है। गली कूचे, रेलवे लाइन पार करने के बाद वह अपने परिवार के लिए पानी का इंतजाम कर पाती हैं। वोटिंग के जिक्र से ही खफा 40 वर्षीय पुतली देवी कहती हैं, वे (नेता) हर बार चुनाव में हमारा इस्तेमाल करते हैं। वे हमसे वोटों की भीख मांगते हैं और फिर अपना चेहरा कभी नहीं दिखाते क्योंकि हम गरीब हैं ना। अभी भी पानी लाने के लिए मुझे नयी आवासीय कॉलोनी जाना पड़ता है जो कि लाइन के उस पार है।
कुछ साल पहले ही पाटलिपुत्र जंक्शन का उद्घाटन हुआ था। यह दानापुर-दीघा-सोनपुर रेल खंड पर स्थित है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नयी दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए लाइन पर एक इंजन को प्रायोगिक तौर पर चलाने के लिए हरी झंडी दिखाई थी। 70 वर्षीय मोहम्मद सलीम का दावा है कि नब्बे के दशक में इस इलाके में लोगों ने बसना शुरू किया और जैसे ही नये स्टेशन का काम शुरू हुआ उनकी बस्तियों को उजाड़ दिया गया जिसके बाद उन लोगों ने अदालत में एक याचिका दायर की। बाद में उन्हें दूसरी तरफ बसा दिया गया। नाराजगी के बावजूद सलीम कहते हैं ‘‘हम भले नाराज हैं लेकिन वोट तो किसी को देना होगा। हम अपना वोट बर्बाद नहीं करेंगे।’’ निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से यह इलाका दीघा बिहार निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है जिसके पास में बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, दानापुर आदि अन्य महत्वपूर्ण सीटें हैं। दीघा में 31 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि बगल की दानापुर सीट से 13 उम्मीदवार चुनावी मुकाबले में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
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