लालू-नीतीश का गणित उलझाएंगे मुलायम

MULAYAM-LALU_महागठबंधन से नाराज दलो के साथ बनाया तीसरा मोर्चा
बिहार कथा .नई दिल्ली। जनता परिवार के महागठबंधन तोड़कर अलग हुए मुलायम सिंह यादव ने अब बिहार विधानसभा के संग्राम में नीतीश-लालू का सियासी खेल बिगाड़ने की सियासी रणनीति तैयार कर दी है। मसलन बिहार की सियासी जंग में समाजवादी पार्टी ने राकांपा और सजद(डी) को साथ लेकर तीसरे मोर्चे के रूप में कूदने का ऐलान कर दिया है। बिहार में विधानसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ सियासी गठजोड़ से जनता परिवार के सहारे बने महागठबंधन को सीटों के बंटवारे से खफा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने ऐन वक्त पर अलग होकर अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। हालांकि महागठबंधन के सूत्राधारों राजद प्रमुख लालू यादव और जदयू प्रमुख शरद यादव ने मुलायम को मनाने के बेहद प्रयास किये थे, लेकिन सपा अपनी रणनीति पर कायम रही। जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन अभी इस झटके से उबर भी नहीं पाया था कि समाजवादी पार्टी ने बृहस्पतिवार को अपने साथ राकांपा और समाजवादी जनता दल (डेमोक्रेटिक) के अलावा पीए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ तीसरे मोर्चे का ऐलान कर नीतीश-लालू का सिरदर्द और बढ़ा दिया। तीसरे मोर्चे का ऐलान बृहस्पतिवार को लखनऊ में सपा के महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में किया है। मसलन तीसरे मोर्चा के रूप में ये दल सपा के साथ बिहार विधानसभा चुनाव में सियासी दम भरेंगे। गौरतलब है कि राजद से अलग हुए डॉ. रघुनाथ ने सपा और देवेन्द्र यादव ने जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से नाता तोड़कर अलग से समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक बनाया था।
मुख्यमंत्री का चेहरा कौन?
सपा के रामगोपाल यादव के मुताबिक बिहार चुनाव में तीसरा मोर्चा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को घोषित नहीं करेगा। चुनाव के नतीजे उनके पक्ष में रहे तो उसका ऐलान बाद मे विधायक खुद करेंगे। सीटों के बंटवारे पर उनका कहना है कि शुक्रवार को पटना में सभी पार्टियों की मीटिंग में सीटों का बंटवारा कर लिया जाएगा। सपा के सूत्रों के अनुसार पांच चरणों में होने वाले चुनाव को देखते हुए चरण के आधार पर प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा। यह भी संकेत दिये हैं कि प्रथम चरण के चुनाव के लिए तीसरे मोर्चा की सूची आज ही जारी हो सकती है।
मुलायम का सियासी दांव
बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन को निशाना बनाते हुए सपा की सियासी रणनीति में वह दावं भी शामिल है कि जिनके जरिए जदयू, राजद या कांग्रेस अथवा अन्य दलों से नाराज होकर पार्टियां छोड़कर अलग हो रहे हैं उन्हें इस तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनाकर महागठबंधन की सियासी रणनीतियों को पटखनी दी जा सके। राजनीतिकारों का मानना है कि मुलायम की इस रणनीति में बिहार में सपा की सियासी जमीन तैयार करना है, जिसमें सपा की रणनीतिक निशाने पर राजग नहीं, बल्कि मोदी के खिलाफ बनाए गया महागठबंधन को माना जा रहा है।






Related News

  • मोदी को कितनी टक्कर देगा विपक्ष का इंडिया
  • राजद व जदयू के 49 कार्यकर्ताओं को मिला एक-एक करोड़ का ‘अनुकंपा पैकेज’
  • डॉन आनंदमोहन की रिहाई, बिहार में दलित राजनीति और घड़ियाली आंसुओं की बाढ़
  • ‘नीतीश कुमार ही नहीं चाहते कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, वे बस इस मुद्दे पर राजनीति करते हैं’
  • दाल-भात-चोखा खाकर सो रहे हैं तो बिहार कैसे सुधरेगा ?
  • जदयू की जंबो टीम, पिछड़ा और अति पिछड़ा पर दांव
  • भाजपा के लिए ‘वोट बाजार’ नहीं हैं जगदेव प्रसाद
  • नड्डा-धूमल-ठाकुर ने हिमाचल में बीजेपी की लुटिया कैसे डुबोई
  • Comments are Closed

    Share
    Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com