Saturday, September 26th, 2015

 

नरसंहारों ने बदला मध्य बिहार का राजनीतिक चरित्र

नवल किशोर खून का बदला खून। कभी यही नारा गूंजता था मध्य बिहार के उन इलाकों में जहां नरसंहारों का लंबा दौर चला। आज स्थिति बदल चुकी है। लोग खून का बदला खून नहीं बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से खुद पर हुए जुल्मो-सितम का बदला ले रहे हैं। हालांकि इसका एक पक्ष यह भी है कि रणवीर सेना के अभ्युदय ने जहां एक ओर सभी सवर्णों को एकजुट कर दिया, वहीं बहुसंख्यक दलित और पिछड़े विभिन्न पार्टियों में बंट गये। इसका असर राजनीति पर पड़ा है। वहीं आंशिक तौर पर यह बातRead More


Share
Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com