Friday, September 4th, 2015
जात-पात से करवट ले रही बिहार की राजनीति!
संजय स्वदेश आज के युवाओं ने शायद यह सुनी होगी कि एक समय बिहार में बूथ लूट कर चुनाव जीते जाते थे। बाहुबलियों का सहारा लेकर उन बूथों पर कब्जा जमा लिया जाता था, जहां पक्ष में मतदान की उम्मीद नहीं होता थी। बूथ कब्जा कर स्वयं की बैलेट में मुहर लगाकर बॉक्स में डाल लिए जाते थे। तब यह कहा जाता था कि बिहार में जनता वोट कहां देती है। बिहार चुनाव की आहट आते ही अखबारों में बैलेट बनाम बुलेट बहस का प्रमुख विषय होता था। मतदाताओं कीRead More
पटना में निषाद समाज पर लाठीचार्ज, 50 घायल
पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो भिड़ गए पटना|बिहार की राजधानी पटना के में गांधी मैदान के निकट शुक्रवार को निषाद समाज संघ द्वारा निकाले गए ‘निषाद अधिकार मार्च’ में शामिल लोगों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कम से कम छह पुलिसकर्मी समेत 50 लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा व आंसूगैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस के अनुसार, संगठन के प्रमुख मुकेश सहनी के नेतृत्व में गांधी मैदान से राजभवन तक प्रस्तावित निषाद अधिकार मार्च में हजारों लोग शामिलRead More
सियासत, समधी और संग्राम
शिशिर सोनी. नई दिल्ली। ठीक वैसा ही हुआ जैसा बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में हुआ था। ऐन वक्त पर कांग्रेस पार्टी ने राजद-लोजपा से नाता तोड़ लिया था। आरोप लगा था अनदेखी का। कम सीटें देकर अपमानित करने का। पांच साल बाद फिर वैसा ही नजारा है। इस बार सपा ने सजी हुई थाली नीतीश-लालू द्वय के सामने से खींची है। निश्चित रूप से भाजपा की रूह को आराम मिल रहा होगा। नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन में रहते हुए भाजपा नेताओं को भोज में बुलाकर सजी पंगत सेRead More